Weekend Sanskrit: बेंगलुरू के एक पार्क में हर वीकेंड बड़ी संख्या में लोगों को संस्कृत सिखाई जाती है, जिसमें IT और कॉर्पोरेट प्रोफेशनल भी शामिल हैं.
17 July, 2024
Weekend Sanskrit: बेंगलुरू के कब्बन पार्क में हर रविवार सुबह बड़ी संख्या में लोग संस्कृत सीखने के लिए आते हैं. यहां लोगों को खेल और म्यूजिक के जरिए सरल तरीके से संस्कृत भाषा सिखाई जाती है. हर वीकेंड यहां 80 लोगों को संस्कृत सिखाई जाती है. ‘वीकेंड संस्कृत’ में शामिल होने वाले कई लोगों में IT और कॉर्पोरेट प्रोफेशनल भी शामिल हैं.
कैसे पड़ा ‘वीकेंड संस्कृत’ नाम?
यह आइडिया समष्ठि की दिमाग की उपज है जो कि संस्कृत भाषा में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और वह चाहती हैं कि संस्कृत भाषा को लोग सीखें और पढ़ें, इसलिए इस ग्रुप का नाम वीकेंड संस्कृत रखा गया है. समष्ठि ने बताया कि शुरुआत में कुछ ही लोग संस्कृत पढ़ने के लिए आगे आए थे, लेकिन अब वह करीब एक हजार लोगों को संस्कृत पढ़ा रही हैं. Sthyayi.in की फाउंडर समष्ठि का कहना है कि शुरुआत में हम 8 दोस्तों का एक ग्रुप था. तब हमने सोचा चलो किसी पार्क में संस्कृत का अभ्यास करें. अब हमारे ग्रुप में हजारों लोग हैं. हर वीकेंड हम 80 लोगों को संस्कृत सिखाते हैं. ‘वीकेंड संस्कृत’ में शामिल होने वाले कई लोगों में IT और कॉर्पोरेट प्रोफेशनल भी शामिल हैं.
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क्या है ‘वीकेंड संस्कृत’ का मकसद?
संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए समष्ठी ने 2021 में वेबसाइट Sthyayi.in की शुरुआत की थी. इस वेबसाइट पर हिंदी और अंग्रेजी गीतों के ट्रांसलेशन और फूड व्लॉग सहित संस्कृत में लेख शामिल हैं. समष्ठी के मुताबिक, संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने जो पहल शुरू की थी, वह ‘संस्कृत वीकेंड’ में शामिल होने वाले लोगों की कोशिशों की वजह से ही आगे बढ़ी है.
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PM मोदी ने भी की तारीफ
समष्ठि ने आगे बताया कि वीकेंड में हमारे पास बहुत सारे इंजीनियर आते हैं. वहीं, यहां बहुत सारे कॉर्पोरेट लोग, छात्र और कॉलेज छात्र भी आते हैं. ‘वीकेंड संस्कृत’ की तारीफ हाल ही में पीएम मोदी ने रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘मन की बात’ में की थी. समाष्ठी ने देश के और मेट्रो शहरों में भी इसी तरह की पहल शुरू करने की योजना बनाई है.
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