Constitution Murder Day : आपातकाल को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. गृह मंत्री शाह ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान अमानवीय पीड़ा झेलने वालों की याद में प्रत्येक वर्ष 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया जाएगा.
12 July, 2024
Constitution Murder Day : 25 जून, 1975 की रात देश भर में आपातकाल की घोषणा की गई थी. इसके बाद लोगों के मौलिक अधिकार छीन लिए गए और जिन लोगों ने इस फैसले से असहमति दर्ज कराई उनको जेल में डाल दिया गया. अब केंद्र सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने कहा कि आपातकाल के दौरान मानवीय पीड़ा झेलने वाले सभी लोगों को याद करते हुए संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा.
‘आपातकाल एक अमानवीय दर्द‘
गृह मंत्री शाह ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था. लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया. केंद्र में सत्तासीन नरेन्द्र मोदी सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है. यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण कराएगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था.
‘इमरजेंसी इतिहास का काला दौर’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी कहा कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाना इस बात की याद दिलाता है कि जब भारत के संविधान को रौंदा गया था, तब क्या हुआ था? यह हर उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने का दिन भी है, जिन्होंने आपातकाल की ज्यादतियों के कारण कष्ट झेले, जो भारतीय इतिहास का एक काला दौर था.
यह भी पढ़ें- ‘शंबू बॉर्डर खोलें और यातायात करें सुचारू’, सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को सुनाया फरमान