Home International अक्टूबर 2023 में हुआ था दर्दनाक हादसा, सेना ने ऑपरेशन चलाकर जवानों को निकाला; जानिये क्या है Inside Story ?

अक्टूबर 2023 में हुआ था दर्दनाक हादसा, सेना ने ऑपरेशन चलाकर जवानों को निकाला; जानिये क्या है Inside Story ?

by Live Times
0 comment
अक्टूबर 2023 में हुआ था दर्दनाक हादसा, सेना ने ऑपरेशन चलाकर जवानों को निकाला; जानिये क्या है Inside Story ?

Fallen Comrades Inside Story : हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के पर्वतारोहियों ने अक्टूबर 2023 में माउंट कुन पर हिमस्खलन में मारे गए अपने साथियों के शवों को बरामद करने के लिए साहसिक मिशन शुरू किया है.

11 July, 2024

Fallen Comrades Inside Story : अक्टूबर, 2023 में लद्दाख में 38 भारतीय सैनिक हिमस्खलन में फंस गए थे. हादसे के बाद सेना के चलाए गए अभियान में कई सैनिकों को बचा लिया गया था. इस दौरान एक सैनिक का शव मिला था, लेकिन तीन अन्य सैनिकों का कुछ पता नहीं चल सका था. शवों की तालाशी के लिए हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (High Altitude Warfare School) ने लद्दाख में एक अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत जवानों के शव बरामद किए जाएंगे.

2023 में क्या हुआ था?

HAVS का 38 सदस्यीय पर्वतारोहण अभियान दल लद्दाख में माउंट कुन पर विजय हासिल करने के लिए निकला था. बर्फ की दीवार पर रस्सियां लगाते समय 8 अक्टूबर, 2023 को फरियाबाद ग्लेशियर पर कैंप दो और कैंप तीन के बीच 18,300 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर अचानक हिमस्खलन हुआ. दल के 4 लोग स्लाइड में फंस गए थे. अभियान दल ने उन सदस्यों को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की. ज्यादातर सैनिक दरार में गिर गए और बड़ी मात्रा में बर्फ के नीचे दब गए.

पार्थिव शरीर हुआ बरामद

तमाम कोशिशों के बावजूद टीम सिर्फ लांस नायक स्टैनजिन तरगैस के पार्थिव शरीर को ही बरामद कर सकी. अब भी हवलदार रोहित, हवलदार ठाकुर बहादुर आले और नायक गौतम राजबंशी के शव बर्फ की परतों के नीचे दबे हुए हैं. HAVS ने 18 जून, 2024 को योजनाबद्ध बचाव अभियान शुरू किया, जिसका नाम ऑपरेशन आरटीजी था. इस मिशन का नाम लापता सैनिकों-रोहित, ठाकुर और गौतम के सम्मान में रखा गया था. बचाव अभियान में 88 विशेषज्ञ पर्वतारोही शामिल थे.

हॉस (HAWS) के डिप्टी कमांडर ने मिशन को दी तवज्जो

खुंबाथांग से करीब 40 किलोमीटर दूर एक रोड हेड कैंप बनाया गया था. यहां विशेष पर्वतारोहण और बचाव उपकरण, स्पेशल कपड़े, बचाव किट, टेंट और खाने-पीने का सामान मुहैया कराया गया था. शवों को ले जाने और जरूरत पड़ने पर बचाव दल को निकालने के लिए दो हेलीकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर रखे गए थे. HAVS के डिप्टी कमांडेंट ब्रिगेडियर एसएस शेखावत ने रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व किया और मिशन की अहमियत पर जोर दिया.

30 फीट गहराई से निकाला गया शव

पहली सफलता तब मिली जब 4 जुलाई को हवलदार रोहित कुमार (डोगरा स्काउट्स) के पार्थिव शरीर बर्फ और बर्फ की 30 फीट गहराई में पाए गए. डेडबॉडी को हेलीकॉप्टर से कुंभथांग ले जाया गया. इसके बाद टीम दरार में 10 फीट और अंदर गई, जहां 7 जुलाई को हवलदार ठाकुर बहादुर आले (गोरखा राइफल्स) के पार्थिव शरीर बरामद किए गए. नायक गौतम राजबंशी (असम रेजिमेंट) का शव 8 जुलाई को मिला. पार्थिव शरीरों को पूरे सैन्य सम्मान के साथ संबंधित परिवारों के पास भेज दिया गया है, जिससे उन प्रियजनों को सांत्वना मिली है, जो बहादुरों को अंतिम विदाई देने के लिए धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहे थे.

यह भी पढ़ें : NEET-UG पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई आज, री-एग्जाम पर आ सकता है फैसला

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00