Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने हायर एजुकेशन में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए मुफ्त शिक्षा का एलान किया है. जिन छात्राओं की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम है वह इसका लाभ उठा सकती हैं.
09 July, 2024
Maharashtra News : महाराष्ट्र में शिंदे सरकार ने लड़कियों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर बड़ा फैसला लिया है. राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEBC) और OBC वर्ग की लड़कियों के लिए हायर एजुकेशन मुफ्त होगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में अनाथ विद्यार्थियों (लड़का और लड़की) के लिए ट्यूशन और परीक्षा शुल्क माफ करने का भी फैसला लिया गया है.
सरकार पर पड़ेगा 906 करोड़ का अतिरिक्त भार
उच्च शिक्षा में लड़कियों की शिक्षा मुफ्त करने वाला फैसला शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से लागू किया जाएगा और इसके लिए राज्य सरकार पर 906 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. सरकार की ओर से जारी प्रस्ताव के अनुसार, सरकारी कॉलेजों, अर्ध-सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों , सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों, गैर-सहायता प्राप्त कॉलेजों, पॉलिटेक्निक, स्वायत्त सरकारी विश्वविद्यालयों और मुक्त विश्वविद्यालयों के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वली छात्राओं को इस सुविधा का लाभ मिलेगा.
छात्राओं की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए
इस योजना में हायर एजुकेशन के लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, फार्मेसी, चिकित्सा, कृषि, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी विकास विभाग से जुड़े पाठ्यक्रम शामिल है. हालांकि, प्राइवेट ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी, मैनेजमेंट और ऑर्गेनाइजेशन कोटे के माध्यम से प्रवेश लेने वाले छात्राओं के लिए कोई छूट नहीं होगी. सरकारी आदेश के मुताबिक, छात्राओं के पारिवारिक वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम हो और वह EWS, SEBC और OBC वर्ग से हों, वही छात्राएं मुफ्त शिक्षा के लिए पात्र हैं. इसके अलावा वर्तमान में शिक्षा प्राप्त कर रही छात्राएं भी इस इस योजना की लाभार्थी होंगी.
‘योजना का उद्देश्य महिला मतदाताओं को लुभाना’
वहीं, विपक्षी गठबंधन MVA ने इसके वित्तपोषण के सोर्स पर सवाल खड़े किए हैं और दावा किया है कि इसका उद्देश्य महिला मतदाताओं को लुभाना है. हालांकि, सीएम शिंदे ने इस बात पर जोर दिया कि इन योजनाओं के लिए वित्तीय प्रावधान स्थाई होगा. उन्होंने कहा कि इससे हम गरीब और पिछड़े वर्ग की लड़कियों को बड़ी संख्या में हायर एजुकेशन के लिए प्रवेश के लिए प्रोत्साहित कर सकेंगे और प्रदेश की प्रगति दोगुने स्तर पर होगी.
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