Delhi High Court News : 31 वर्षीय महिला को 30 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने दे दी है. कोर्ट ने तर्कों को भी स्वीकार किया है.
06 July, 2024
Delhi High Court News : दिल्ली हाई कोर्ट ने 31 साल की महिला को 30 सप्ताह के गर्भ को गिराने अनुमति दे दी है. कोर्ट ने माना कि न्यूरो डेवलपमेंट नहीं होने के कारण बच्चे के जन्म होने के बाद काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. शनिवार को अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि महिला को ऐसे गर्भधारण के लिए बाध्य नहीं किया जाए जहां बच्चे को कई बीमारियों का सामना करना पड़े. AIMS के डॉक्टरों ने जो रिपोर्ट दी है उसके अनुसार, यदि बच्चा पैदा होता है तो ‘जौबर्ट सिंड्रोम’ के कारण व्यापक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
विकलांग बच्चे को पालने में परिवार को आएगी कई समस्याएं
अदालत ने कहा कि महिला का पहला बच्चा भी विकलांगता से ग्रस्त है और अगर ऐसी स्थिति में गर्भ को समाप्त करने की अनुमति नहीं दी जाती है तो परिवार को दो बच्चों की सेवा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इसके लिए परिवार को कई हेल्थ सुविधाओं का ध्यान रखना होगा. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि मध्य आय वाले परिवारों के लिए गंभीर विकलांगता वाले दो बच्चों को पालने के लिए कई तरह के बोझ उठाने पड़ेंगे. इससे महिला और उसके परिवार वालों की मेंटल हेल्थ का नुकसान होगा.
कोर्ट ने की डॉक्टरों की सराहना
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा कि न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के पर्याप्त जोखिम पर विचार किया और मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के अनुसार याचिकाकर्ता के स्वास्थ्य को प्रायोरिटी देते गर्भावस्था समाप्त करने की कोर्ट अनुमति देता है. कोर्ट ने एम्स मेडिकल बोर्ड की सहायता के लिए सराहना की और कहा कि इस मामले में अपनी राय देने वाले डॉक्टरों को इस याचिका से उत्पन्न होने वाले किसी भी मुकदमे से छूट दी जाएगी.
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