African Swine Fever Virus : केरल के त्रिशूर में एक घातक बुखार ने दस्तक दी है, जिससे लोग काफी परेशानी में हैं.
05 July, 2024
African Swine Fever Virus : केरल में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever) के कई मामले सामने आए हैं. त्रिशूर के एक गांव के फार्म में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के फैलने की सूचना मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया है. दरअसल, केरल में जंगली सूअरों से एक बीमारी काफी तेजी से फैल रही है, इसे स्थानीय लोग स्वाइन बुखार कह रहे हैं. इसके बाद जिला अधिकारी ने भी इस बुखार की जानकारी देते हुए कहा है कि स्वाइन बुखार के प्रकोप के कारण यहां के लोग काफी परेशान हैं.
कैसे फैलता है यह स्वाइन फीवर (Swine FLU) ?
अधिकारियों के मुताबिक, अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) सामान्य बुखार से अलग है. यह एक बीमारी है जो केवल सूअरों को प्रभावित करती है, इसलिए अन्य जानवरों या मनुष्यों में संचरण की संभावना कम है. अफ्रीकन स्वाइन फीवर संक्रमित सूअर के शारीरिक तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से अन्य सूअर आसानी से फैल सकता है. त्रिशूर के जिला कलेक्टर ने मदक्कथारा पंचायत में एक निजी फार्म में 310 सूअरों को मारने की जानकारी भी दी है.
बीमारी से बचने के उपाय
अधिकारियों ने मदक्कथारा पंचायत में बीमारी की पुष्टि के बाद जिले के अन्य इलाकों में भी एहतियाती कदम भी उठाए हैं. उन्होंने कहा कि यदि अन्य क्षेत्रों में स्वाइन फीवर वायरस (African swine fever virus) का पता चलता है, तो संबंधित नगरपालिका/सरकारी सचिवों, ग्राम अधिकारियों और ग्रामीण विकास अधिकारियों को संबंधित पशु चिकित्सा अधिकारी को सूचित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जिले में चेकपोस्ट और अन्य प्रवेश बिंदुओं पर भी कड़ी जांच की जाएगी.
फ्लू को लेकर डॉक्टर्स की राय
इस बीमारी की रोकथाम के लिए प्राथमिक कीटाणुशोधन उपाय भी किए जाएंगे. साथ ही प्रभावित खेत के एक किलोमीटर के दायरे के क्षेत्र को रोग प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है और 10 किॉलोमीटर के दायरे के क्षेत्र को रोग निगरानी क्षेत्र घोषित किया गया है.
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