Hathras Satsang Hadsa: हाथरस जिले में एक सत्संग समारोह में श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत हो गई. इस घटना में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भारी संख्या में मारे गए हैं.
02 July, 2024
Hathras Satsang Hadsa: हाथरस जिले के फुलरई गांव में धार्मिक सत्संग में भगदड़ मचने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हुए हैं. मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है. मरने वालों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं. बता दें कि ऐसा हादसी पहली बार नहीं हुआ है. पहले भी मंदिर और धार्मिक समारोहों में भगदड़ मचने के बाद कई लोगों की मौत हो चुकी है. धार्मिक समारोह में सबसे बड़ी घटना साल 2005 में घटी थी. इस दौरान महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में 340 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. साल 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में हुए हादसे में कम से कम 250 लोगों की मौत हुई थी.
देश के इन हिस्सों में हुई भगदड़ मचने से कई श्रद्धालुओं की मौत
मंदिर और धार्मिक आयोजन में कई बार अचानक भगदड़ से मच जाती है. इसका सबसे बड़ा खामियाजा बच्चों, महिलाएं और बुजुर्गों को भुगतना पड़ता है. इन घटनाओं की जांच होती है और उसके कई बार मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. ऐसी घटनाएं अव्यवस्था के कारण भी हो जाती है. कई बार व्यवस्था और सुरक्षा नहीं होने के बाद भी ऐसे आयोजन होते हैं. ऐसी जगहों पर व्यवस्था बिगड़ने के बाद उसे तुरंत रोकना भारी पड़ जाता है. ऐसे ही इस देश में कई घटनाएं हुई हैं, जहां लोगों की बड़ी संख्या में मौत हो गई. इस लिस्ट में पढ़ें कि देश में कब-कब ऐसी घटनाएं हुई हैं.
- 31 मार्च, 2023 : इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन ‘बावड़ी’ (कुएं) के ऊपर बनी स्लैब के ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई.
- 1 जनवरी, 2022: जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए.
- 14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में ‘पुष्करम’ त्योहार के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए.
- 3 अक्टूबर, 2014: दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोग मारे गए और 26 अन्य घायल हो गए.
- 13 अक्टूबर, 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोग मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल हो गए. भगदड़ की शुरुआत इस अफ़वाह के कारण हुई कि श्रद्धालु जिस नदी के पुल को पार कर रहे थे, वह टूटने वाला है.
- 19 नवम्बर, 2012: पटना में गंगा नदी के तट पर अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में लगभग 20 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.
- 8 नवम्बर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर की पौड़ी घाट पर भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए.
- 14 जनवरी, 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में एक जीप तीर्थयात्रियों से टकरा गई. इस कारण मची भगदड़ में कम से कम 104 सबरीमाला श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए.
- 4 मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ मचने से लगभग 63 लोगों की मौत हो गई. इस दौरान लोग स्वयंभू बाबा से मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए पहुंचे थे.
- 30 सितम्बर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए.
- 3 अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोग मारे गए, 47 घायल हो गए.
- 25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचलकर मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. यह दुर्घटना तब हुई जब कुछ लोग नारियल तोड़ने के बाद निकले पानी से फिसलन भरी सीढ़ियों पर गिर गए.
- 27 अगस्त, 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ में 39 लोग मारे गए और लगभग 140 घायल हो गए.
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