Poetry collection: जम्मू-कश्मीर के सांबा के कवि बिशन सिंह दर्दी को इस साल बाल साहित्य पुरस्कार के लिए चुना गया है.
18 June, 2024
Poet Bishan Singh Dardi: जम्मू-कश्मीर के कवि बिशन सिंह दर्दी को बाल साहित्य पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. उनके डोगरी भाषा में लिखे गए कविता संग्रह ‘कुक्कडू-कडूं’ को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. अपनी इस उपलब्धि से बिशन सिंह बेहद खुश हैं और उन्हें साहित्य जगत से जुड़े लोगों से ढेरों बधाइयां मिल रही हैं. बिशन सिंह दर्दी ने पुरस्कार के लिए चुने जाने पर खुशी जाहिर की और साहित्य अकादमी का शुक्रिया अदा किया. इस पुरस्कार ने उन्हें अपनी साहित्यिक यात्रा जारी रखने के लिए नई प्रेरणा दी है.
किताब ‘कुक्कडू-कडूं’ को मिलेगा पुरस्कार
पुरस्कार की घोषणा पर कवि बिशन सिंह दर्दी ने प्रतिक्रिया में कहा कि वह साहित्य अकादमी के आभारी हैं. बिशन सिंह दर्दी तकरीबन चार दशकों से ज्यादा वक्त से डोगरी भाषा में लिख रहे हैं. कवि बिशन सिंह दर्दी ने बताया- ‘मेरा शुरुआती लेखन 80 के दशक में शुरू हुआ. उस समय मैंने पहली कविता लिखी. मैंने पहली बार रेडियो में अपनी पहली कविता पढ़ी थी और तब से मैं लगातार लिख रहा हूं और अभी 10 किताब प्रेस में छप चुकी हैं और 11वीं छपने वाली है.’
दर्दी की रिंग टोन बजती है मोबाइल पर
मोबाइल पर बजने वाली रिंग टोन ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ बिशन सिंह दर्दी ने फ्री में लिखी थी. इसको दर्दी ने केन्द्र की मोदी सरकार के बहुचर्चित कार्यक्रम (अभियान) बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के लिए लिखा था. इस फेमस रिंग टोन को लोगों द्वारा खूब पसंद किया गया.
पहले भी कई लेखकों को मिला सम्मान
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के कई प्रसिद्ध कवि-लेखक साहित्य अकादमी सम्मान पा चुके हैं. इनमें पद्मा सचदेव, बलवान सिंह, मोहन सिंह सलाथिया और सीता राम सपोलिया शामिल हैं. बिशन सिंह दर्दी अपनी पुस्तक के साहित्य पुरस्कार के लिए चुने जाने के लिए बहुत खुश और उत्साहित हैं, क्योंकि इससे उनको बतौर लेखक और कवि के तौर पर मान्यता प्राप्त हुई है.