India Museum of Memories: ये प्रदर्शनी राजधानी दिल्ली के त्रिवेणी कला संगमा में लगी है. अपने नाम ‘म्यूजियम ऑफ मेमोरीज’ के मुताबिक ये प्रदर्शनी प्रचंड गर्मी से पीड़ित लोगों की निशानियों के जरिए अनूठा संदेश दे रही है.
15 June, 2024
Museum of Memories Greenpeace India: गहरे भूरे रंग के मोजों की ये जोड़ी झारखंड के बाबूलाल मिश्रा की यादों का डरावना हिस्सा है. जून 2022 में बाबूलाल की मौत लू लगने की वजह से हो गई थी. उसी तरह झारखंड के हुदु टुडू की ये बनियान चिलचिलाती गर्मी के उस दिन की याद दिलाती है, जब प्रचंड ताप की वजह से टु़डू की मौत हो गई थी. ये सभी चीजें दिल्ली के ‘त्रिवेणी कला संगम’ में चल रही प्रदर्शनी का हिस्सा हैं.
प्रदर्शनी हर निशानी की अलग कहानी
‘म्यूजियम ऑफ मेमोरीज’ प्रदर्शनी ग्रीनपीस इंडिया ने लगाई है. इसमें प्रचंड गर्मी की मार और उसके शिकार हुए लोगों की यादों से जुड़ी 50 से ज्यादा चीजें कलाकृति की तरह प्रदर्शित की गई हैं.
इनमें से हर निशानी बेहद खराब मौसम के हालात और इसमें आखिरी दम तक इंसानों के संघर्ष की कहानी बयां करती है. यहां प्रदर्शित सभी चींजे रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाली है. हर चीज लू का शिकार बने उन लोगों की सच्ची कहानी बता रही है, जिन्हें खबरों में अक्सर सिर्फ नंबरों में बताया जाता है.
हीट वेव की पीड़ा बताता परिवार
प्रदर्शनी में मौजूद हर सामान, देश भर के उन परिवारों से इकट्ठा किया गया है, जिन पर लू और मौसम की मार पड़ी है. साथ ही इस प्रदर्शनी में सैनेटरी पैड को हीट मैप की तरह लगाया गया है. इसका मकसद उन महिलाओं की कहानी बयां करना है, जो भीषण गर्मी में भी मासिक धर्म की मुश्किल से जूझती हैं. दिल्ली की इस प्रदर्शनी में बाढ़, चक्रवात, सूखा और लगातार बढ़ते पारे की वजह से लगने वाली आग जैसे क्लाइमेट चेंज से जुड़े हादसों का शिकार हुए लोगो के सामान को शामिल किया है. दिल्ली के त्रिवेणी कला संगमा में ये प्रदर्शनी 22 जून तक चलेगी.
यह भी पढ़ें: G-7 Summit: PM मोदी की किन नेताओं से हुई मुलाकात? किसका किया धन्यवाद? खुद ट्वीट कर दी जानकारी