NEET परीक्षा में हुई कथित धांधली को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर आक्रामक हो रही है. कांग्रेस ने परीक्षा परिणाम को लेकर उठ रहे सवालों के आधार पर इसे दूसरा व्यापम करार दिया है. साथ ही इस मामले में पीएम मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं.
14 June, 2024
NEET EXAM RESULTS को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार भले ही पाक-साफ बता रही है, लेकिन कांग्रेस इसे लेकर बड़े सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के इस मामले पर ट्वीट कर इसे देश के बड़े घोटालों में से एक करार दिया.
खरगे का दावा, NEET UG का पेपर लीक
मल्लिकार्जुन खरगे का सबसे चौंकाने वाला दावा था पेपर लीक का. इसके लिए उन्होंने कुछ घटनाओं और तथ्यों का हवाला दिया. खरगे ने पूछा कि अगर पेपर लीक नहीं हुआ तो…
- कई राज्यों में इसे लेकर पुलिस ने कार्रवाई क्यों की?
- बिहार में पेपर लीक के आरोप में 13 आरोपियों को क्यों गिरफ़्तार किया गया?
- रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया को पेपर के बदले ₹30-₹50 लाख लेने की बात कैसे उठी?
- पैसे के बदले पेपर लीक पर पटना पुलिस की Economic Offences Unit (EOU) का पर्दाफाश गलत था?
- गुजरात के गोधरा में NEET-UG में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ क्या नहीं हुआ?
गुजरात में सामने आई धोखाधड़ी को लेकर खरगे ने ये भी कहा कि, ‘गुजरात पुलिस के मुताबिक इस धांधली में शामिल कोचिंग संचालक, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति के बीच 12 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन का मामला सामने आ चुका है.
खरगे ने ये सवाल उठाया कि अगर मोदी सरकार के मुताबिक़ NEET में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ़्तारियां क्यों की गईं? अगर हुई हैं, तो इससे क्या निष्कर्ष निकलता है? क्या मोदी सरकार देश की जनता की आँखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब झोंक रही है?
‘NEET EXAM है दूसरा व्यापम’
मल्लिकार्जुन खरगे ने इस साल के NEET EXAM को दूसरा व्यापम करार दिया. उन्होंने कहा कि, ‘सरकार ने अब इस मामले में लीपापोती शुरु कर दी है. इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराई जानी चाहिए.’ खरगे ने ये भी कहा कि यह लाखों छात्रों के भविष्य का सवाल है. प्रधानमंत्री को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. वह इस पर मूकदर्शक बन कर नहीं रह सकते.
NDA का मतलब ‘नीट डिजास्टर अलायंस’
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीट पेपर लीक के बाद एनडीए का मतलब ‘नीट डिजास्टर अलायंस’ हो गया है. सरकार को युवाओं के भविष्य की चिंता नहीं है.
उन्होंने कहा कि, ‘नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सहारा लेकर अपने सिस्टम की खामियों को छिपा रही है। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए.’
8 जुलाई को होगी मामले में सुनवाई
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान हालांकि इस पूरे मामले में NTA को क्लीन चिट दे चुके हैं, लेकिन छात्रों और उनके परिजनों की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार, NTA और याचिकाकर्ताओं से 2 हफ्ते में जवाब मांगा है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी. कोर्ट ने इसके लिए 8 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है.