Indresh Kumar Targeted BJP : BJP और संघ के बीच मतभेद अब खुल कर सामने आने लगे हैं. संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद इंद्रेश कुमार जैसे बड़े संघ लीडर के बयान के बाद नया घमासान शुरू हो गया है.
14 June, 2024
Indresh Kumar Targeted BJP : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तरफ से लगातार आ रहे बयानों पर हालांकि बीजेपी की तरफ से अभी कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन इस बहाने विपक्ष को तंज कसने का बड़ा मौका मिल गया है. शिवसेना (उद्धव) नेता संजय राउत ने तो यहां तक कह दिया कि, ‘मुझे पूरा यकीन है कि अहंकारी बीजेपी को अब आरएसएस ही सत्ता से हटाएगी.’
BJP के अंहकार शब्द से सहमत हूं
संजय राउत के बाद आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी कहा कि, मैं भी बीजेपी के लिए अहंकार शब्द से सहमत हूं. लेकिन 234 सीट वालों को रामद्रोही नहीं कह सकते.’ दरअसल संजय राउत और मनोज झा की बातों में अहंकार शब्द आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार के बयान से आया है.
BJP अहंकारी, I.N.D.I.A. राम विरोधी?
बीजेपी और इंडिया ब्लॉक के लिए ये दोनों विशेषण RSS के सीनियर मेंबर इंद्रेश कुमार ने इस्तेमाल किया है. हालांकि उन्होंने किसी दल या गठबंधन का सीधे नाम नहीं लिया, लेकिन चुनावी नतीजों में आई सीटों का जिस तरह जिक्र किया, उससे उनका इशारा साफ है. इंद्रेश कुमार ने जयपुर के पास कानोता में गुरुवार को आयोजित ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ में कहा था कि, ‘जिन लोगों में अंहकार था उनको देश ने 241 पर रोक दिया और जो लोग राम के प्रति आस्था नहीं रखते हैं उन्हें 234 पर रोक दिया गया. यही प्रभु राम का न्याय है.’
इंद्रेश कुमार का इशारा साफ है, क्योंकि लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 241 और इंडिया ब्लॉक को 234 सीटें आई हैं. हालांकि बीजेपी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि, ‘234 सीटों वाले गठबंधन को राम विरोधी नहीं कहा जा सकता. इंद्रेश जी, आपको इसके बारे में कुछ नहीं पता, आप एक जेब में महात्मा गांधी और दूसरी जेब में नाथू राम गोडसे की तस्वीर रखते हैं.’
चुनावी नतीजों के बाद दिखी दूरियां
लोकसभा के चुनावी नतीजों के बाद से RSS और BJP के बीच मतभेद लगातार सामने आ रहे हैं. हलांकि इसकी शुरुआत चुनाव के दौरान ही हो चुकी थी, जब जे.पी नड्डा ने एक इंटरव्यू में कह दिया था कि, ‘अब पहले वाली बीजेपी नहीं कि उसे RSS की जरूरत पड़े. आज की बीजेपी आत्मनिर्भर है’
इस बयान पर आरएसएस की तरफ से कोई सीधी प्रतिक्रिया तो नहीं आई. चुनाव के नतीजों के 6 दिन बाद 10 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में ये कह दिया कि, ‘जो लोग समाज के प्रति समर्पण भाव रखते हैं, वह गर्व करता है, लिप्त नहीं होता, जो अहंकार नहीं करता है वही सच्चे अर्थ में समाजसेवी होता है.
मोहन भागवत के इस बयान को अपरोक्ष तौर पर बीजेपी पर निशाने की तरह देखा गया. उन्होंने उस भाषण में यहां तक कह दिया कि, ‘जब चुनाव होता है तो उसमें पक्ष और विपक्ष दोनों भागदारी करते हैं. एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगाते हैं. लेकिन मुकाबले में इसकी एक सीमा भी होती है. यह मुकाबला मुद्दों को लेकर होता, झूठ पर आधारित नहीं होता है’
अयोध्या में बीजेपी की हार के लिए लल्लू जिम्मेदार?
बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को अहंकारी बताने के साथ इंद्रेश कुमार अयोध्या में हार पर भी बड़ी बात कह गए. उन्होंने सीधे तौर पर अयोध्या से बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि, ‘लल्लू सिंह ने जनता पर जुल्म किए थे, तो भगवान राम ने कहा कि आप 5 वर्ष आराम करो और अगली बार देखना. जो पहले राम की भक्ति करे और बाद में अहंकार करने लग जाए उसका खुद ही अकल्याण हो गया.’