Home National साल भर से जल रहा मणिपुर, हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार? संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान से मचा सियासी बवाल

साल भर से जल रहा मणिपुर, हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार? संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान से मचा सियासी बवाल

by Rashmi Rani
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Mohan Bhagwat on Manipur violence

Mohan Bhagwat on Manipur violence: एक साल से हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद एक बार फिर से चर्चा में है. मोहन भागवत ने मणिपुर को लेकर जो चिंता जताई, उस पर विपक्षी दलों की गंभीर प्रतिक्रिया आ रही है.

11 June, 2024

Mohan Bhagwat on Manipur violence: देश में करीब 2 महीने लंबी चुनावी प्रक्रिया चली, नई सरकार बन गई. लेकिन मणिपुर के हालात जस के तस हैं. मणिपुर के हालात को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने गंभीर चिंता जताई है. मोहन भागवत ने कहा कि, ‘मणिपुर पिछले एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है. 10 साल पहले मणिपुर में शांति थी, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा देखी गई. मणिपुर जल रहा है और लोग इसकी भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं. सरकार को चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर मणिपुर हिंसा पर सोचने की जरूरत है.’

मोहन भागवत ने क्या कहा?

मोहन भागवत ने नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बाते कहीं. अपने भाषण के दौरान मोहन भागवत ने कई बार मणिपुर का जिक्र किया और एक तरह से केन्द्र सरकार को नसीहत दी. मोहन भागवत ने कहा, ‘मणिपुर त्राहि-त्राहि कर रहा है. इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उस पर विचार करना सरकार का कर्तव्य है’

मोहन भागवत के बयान पर बोला विपक्ष

मोहन भागवत के बयान पर BJP या केन्द्र सरकार के किसी प्रतिनिधी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विपक्षी दलों ने मोहन भागवत के बयान से सहमति जताई. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि, ‘मोहन भागवत ठीक ही कह रहे हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न मणिपुर कभी गए और ना ही कभी इस पर बोला.’ शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ‘आरएसएस प्रमुख के कहने से क्या होता है, उन्हीं के आशीर्वाद से सरकार चलती है.’

एनसीपी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि, ‘मैं मणिपुर पर भागवत के बयान का स्वागत करती हूं. मणिपुर भारत का अहम हिस्सा है और जब हम अपने लोगों को इतना कष्ट सहते हुए देखते हैं, तो ये हम सभी के लिए बेहद परेशान करने वाला है.’ सुप्रिया ने ये भी कहा कि सभी दल मिलकर एक समिति बनाएं और मणिपुर को विश्वास दिलाएं के बंदूक से कोई हल नहीं होता.

संघ प्रमुख के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘ये खबरे तो बार बार आ रही थी कि आरएसएस BJP से खुश नहीं है. लेकिन समस्या ये है कि आरएसएस के कहने पर BJP कोई सीख लेगी? मुझे ऐसा नहीं लगता. क्योंकि जेपी नड्डा कह चुके हैं कि BJP को आरएसएस की जरूरत नहीं, हम आत्मनिर्भर हैं’

मणिपुर में 1 साल से हिंसा, कितनी मौत?

मणिपुर में पिछले साल 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा शुरू हुई थी. आज भी अलग अलग इलाकों से हिंसक घटनाओं की खबरें आ रही हैं. इसकी शुरुआत मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग के साथ हुई थीं. मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के खिलाफ कुकी समुदाय ने पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला था. मणिपुर में इसी मार्च के दौरान हिंसा भड़की, जो आज तक जारी है.पिछले एक साल से जारी हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं.

मणिपुर हिंसा पर अब तक क्या एक्शन?

मणिपुर हिंसा मामले की जांच सीबीआई कर रही है. एजेंसी ने आठ से ज्यादा मामले दर्ज किए थे, जिनमें मणिपुर में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले भी शामिल हैं. सीबीआई ने इस मामले की जांच की देखरेख और निगरानी के लिए अपने पुलिस अधीक्षकों को तैनात किया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले की जांच में देरी और चूक को लेकर मणिपुर सरकार की फटकार लगाई थी. इस मामले में मणिपुर सरकार ने स्टेसस रिपोर्ट भी पेश की थी, लेकिन इससे शांति बहाली में कोई मदद नहीं मिली

मणिपुर को लेकर पीएम मोदी पर सवाल

मणिपुर में जब से हिंसा भड़की है, तभी से विपक्ष पीएम मोदी पर हमलावर रहा है. विपक्षी नेता बार-बार पीएम मोदी से मणिपुर जाने और हिंसा रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग करता रहा. हालांकि पीएम मोदी ने संसद के सत्र में एक बार बयान दे चुके हैं. इसके बाद अमित शाह भी एक बार मणिपुर का दौरा कर हिंसा का हल निकालने के लिए उच्च स्तरीय बैठक कर चुके हैं. लेकिन मणिपुर में हिंसा का दौर नहीं थमा. इस चुनाव में भी पीएम मोदी ने नॉर्थ ईस्ट के असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे में रैलियां की, लेकिन मणिपुर नहीं गए.

क्या BJP से नाराज है संघ?

इस सवाल की सुगबुगाहट बीजेपी अध्यक्ष जे.पी नड्डा के बयान से शुरू होती है. नड्डा ने इसी लोकसभा चुनाव के दौरान एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘आज की BJP पहले वाली BJP नहीं है. जब BJP कमजोर थी, तब उसे संघ की जरूरत होती थी. लेकिन आज ऐसा नहीं है.’ नड्डा के इस बयान पर संघ ने कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन मोहन भागवत ने नागपुर के भाषण में जो कुछ कहा, उसे BJP और केन्द्र सरकार के लिए सीधा संदेश माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें : जीत के बाद पीएम मोदी का ‘वाराणसी प्लान’, किसान सम्मेलन से क्या देंगे संदेश?

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