NEET UG 2024 Controversy : नीट की परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अहम सुनवाई हुई, लेकिन छात्रों को कोई राहत नहीं मिली.
11 June, 2024
NEET UG 2024 Controversy : नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (National Eligibility cum Entrance Test) में गड़बड़ी का मामला सुप्रीम कोर्ट तो पहुंचा, लेकिन छात्र-छात्राओं को राहत नहीं मिल पाई है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान छात्रों की परीक्षा रद्द करने और काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया. उधर. दोबारा परीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी किया है. इस पर उसे जल्द कोर्ट को जवाब देना है.
इससे पहले NEET-UG 2024 परिणामों पर रोक लगाने से 17 मई को ही मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की अगुवाई वाली पीठ ने मना कर दिया था. यह अलग बात है कि NEET पुन: परीक्षा के लिए याचिका पर नोटिस जारी करने पर सहमति व्यक्त की। गौरतलब है कि इसी तरह की याचिकाएं विभिन्न हाई कोर्ट में भी लंबित हैं.
किसने और क्यों दायर की याचिका?
यहां पर बता दें कि शिवांगी मिश्रा और एक अन्य ने एनईईटी यूजी परिणाम घोषणा से पहले यानी 1 जून, 2024 को एक याचिका दायर की थी. इसके साथ ही परिणाम आने के बाद कई उम्मीदवारों को अनुग्रह अंक देने के एनटीए के निर्णय के विरुध सुप्रीम कोर्ट में कुछ और याचिकाएं दायर की गई. यह अलग बात है कि इन याचिकाओं पर सुनवाई होनी बाकी है, क्योंकि इन्हें अभी सूचीबंध नहीं किया किया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के रहने वाले अब्दुल्लाह मोहम्मद फैज और शैंक रोशन मोहिद्दीन ने कहा है कि जब तक जांच होती है तब तक नीट यूजी 2024 की काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए.
यह भी जानें
- देश में 706 मेडिकल कॉलेजों में कुल 1,08,940 एमबीबीएस सीटें हैं.
- इस लिहाज से दक्षिण के अहम राज्य तमिलनाडु में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सबसे ज्यादा 5,275 एमबीबीएस सीटें हैं.
इसके बाद महाराष्ट्र के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 5,125 सीटें हैं. यानी तमिलनाडु के बाद सर्वाधिक सीटें महाराष्ट्र में हैं. - करीब 1500 छात्रों को बढ़ा-चढ़ाकर अंक दिए गए. इसके बाद ग्रेस मार्क्स के आवंटन और नतीजे घोषित होने के बाद अनियमितताओं को लेकर विवाद हुआ और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.
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