25 दिसंबर 2023
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जगदीप धनखड़ को जवाबी पत्र लिखकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। खड़गे ने कहा कि सत्तापक्ष लोकतंत्र को कमजोर करने, संसदीय परंपराओं को नष्ट करने और संविधान का गला घोंटने के लिए सांसदों के निलंबन को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने और क्या कहा ?
सभापति का पत्र दुर्भाग्य से संसद के प्रति सरकार के निरंकुश और अहंकारी रवैये को उचित ठहराता है।
जगदीप धनखड़ राज्यसभा के सभापति के रूप में निष्पक्षता और तटस्थता के साथ विपक्ष की चिंताओं पर विचार करें।
विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिए विशेषाधिकार प्रस्तावों को भी हथियार बनाया गया है।
यह संसद को कमजोर करने के लिए सत्तापक्ष की ओर से जानबूझकर तैयार की गई रणनीति है।
सांसदों को निलंबित करके सरकार कुल मिलाकर 146 सांसदों के क्षेत्रों के मतदाताओं की आवाज़ को चुप करा रही है।’’
संसद के दोनों सदनों से विपक्षी सांसदों का सामूहिक निलंबन सरकार की ओर से पूर्व निर्धारित और पूर्व नियोजित प्रतीत होता है।
बिना सोचे-समझे इसे अंजाम दे दिया गया। ‘इंडिया’ गठबंधन से संबंधित एक सदस्य को निलंबित कर दिया गया जबकि वह सदन में मौजूद भी नहीं थे।
सदन के संरक्षक के रूप में सभापति को संसद में अपनी सरकार को जवाबदेह ठहराने के लोगों के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए।
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने 23 दिसंबर 2023 को मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कहा कि सदन में व्यवधान इरादातन और रणनीति के तहत था। जगदीप धनखड़ ने खड़गे को संसद में व्यवधान और विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए 25 दिसंबर को अपने आवास पर आमंत्रित किया था। मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाबी में लिखा है कि वह फिलहाल दिल्ली से बाहर हैं और वापस आते ही सभापति से मिलेंगे।
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