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Analysis :  लोकसभा में राहुल को क्यों होना चाहिए विपक्ष का नेता ?

by Live Times
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rahul gandhi leader of opposition in lok sabha

Rahul Gandhi Leader of Opposition : राहुल गांधी ने ना तो विपक्ष के नेता पद का प्रस्ताव स्वीकार किया है और न ही इन्कार किया है. हालांकि, माना जा रहा है कि वह नेता प्रतिपक्ष के लिए हामी भर सकते हैं.

08 June, 2024

धर्मेन्द्र कुमार सिंह, इनपुट एडिटर, लाइव टाइम्स : कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राजस्थान से राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी को एक बार फिर से कांग्रेस संसदीय दल (CPP) का प्रमुख बना दिया गया, लेकिन सबकी नजर टिकी है कि क्या राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे? दरअसल, सोनिया गांधी को सीपीपी चुने जाने से पहले पहले पार्टी की कार्य समिति (CWC) की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ और राहुल गांधी से आग्रह किया गया है कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभालें. वहीं, राहुल गांधी ने कहा है कि थोड़ा वक्त चाहिए.

Rahul Gandhi Leader of Opposition : राहुल पार्टी की सीट दोगुनी करने का श्रेय

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है. एक तरफ राहुल गांधी BJP की सीट 303 से घटाकर 240 लाने में कामयाब हुए हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस की सीट को बढ़ाकर 52 से 99 करने में सफल हो गए. I.N.D.I.A. गठबंधन की शानदार जीत से कांग्रेस और विपक्ष जोश में है. इन्हें लगता है कि लोकसभा में विपक्ष के मजबूत होने से मोदी को सीधे टक्कर दी सकती है. BJP को इस बार बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में मोदी की सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के समर्थन पर टिकी है. ऐसे में किसी ने मोदी सरकार से समर्थन वापस लिया तो सरकार खतरे में पड़ सकती है.

Rahul Gandhi Leader of Opposition : पीएम के रूप में पेश किए जा सकते हैं राहुल ?

ऐसी स्थिति में राहुल गांधी को अपनी छवि को विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के घटक दलों के बीच भी बनाने मौका है, ताकि ऐसी स्थिति आ जाए जब विपक्ष को सरकार बनाने का मौका मिले तो राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया जा सके. इसीलिए राहुल गांधी को लोकसभा के तौर-तरीके, नियम-कानून और एक मजबूत विपक्ष नेता की भूमिका सीखने की जरूरत है.
ऱाहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर रहे हैं. कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को लगता है कि वो मोदी को सीधी टक्कर दे सकते हैं. अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं और सरकार को संसद और सड़क पर घेर सकते हैं. दरअसल, पिछली बार कांग्रेस को लोकसभा में नंबर नहीं था. इसीलिए अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुना गया था, जबकि लोकसभा में विपक्ष का नेता कोई नहीं था. इस बार तस्वीर बदली है और विपक्ष को लगता है कि 2029 में BJP को टक्कर देने के लिए अभी से ही दवाब बनाया जाए, इसीलिए राहुल गांधी को विपक्ष का नेता होना चाहिए.

Rahul Gandhi Leader of Opposition : विपक्ष में भी पैठ बनाने का मौका

लोकसभा में विपक्ष के नेता की हैसियत कैबिनेट मंत्री के बराबर होती है. यही नहीं, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के चीफ के चुनने वाले पैनल में विपक्ष का नेता पैनल का हिस्सा होता है. 2024 के लोकसभा चुनाव मोदी बनाम राहुल के नाम पर लड़ा गया तो इस लड़ाई को बरकरार रखने के लिए संसद में विपक्ष का नेता होना जरूरी है. लोकसभा चुनाव में NDA गठबंधन के साथ 26 पार्टियां थीं, जबकि ममता बनर्जी I.N.D.I.A. गठबंधन से निकल गई थीं. अगर राहुल लोकसभा में विपक्ष के नेता बनते हैं तो जो विपक्षी पार्टियों में अपनी पैठ बनाने में कामयाब हो सकते हैं. विपक्ष के नेता को सारी विपक्षी पार्टियों को साथ लेकर चलना होता है. ऐसे में सरकार को घेरने की रणनीति राहुल गांधी बनाते हैं तो उनकी राजनीतिक परिपक्वता बढ़ेगी. अब राहुल गांधी को तय करना है कि वो लोकसभा के विपक्ष के नेता बनते हैं या नहीं?

(धर्मेन्द्र कुमार सिंह, इनपुट एडिटर, लाइव टाइम्स)

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