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Monsoon 2024 : दिल्ली नगर निगम ने मानसून को लेकर जारी किया एक्शन प्लान, बताया क्या उठाएं कदम

by Live Times
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Monsoon 2024

Delhi Monsoon 2024 : 2024 के आगमन से पहले ही दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. इस पर काम भी जारी है.

29 May, 2024

Monsoon 2024 : देश की राजधानी दिल्ली में मानूसन 2024 (Monsoon 2024) के आगमन में करीब-करीब एक महीने का वक्त है. दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव के चलते नाले उफान मारने लगते हैं और सड़कें तालाब में तब्दील हो जाती हैं. ऐसे में दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) ने मानसून से पहले ही जलभराव से निपटने के लिए मानसून कार्य योजना शुरू कर दी है.

नालों की सफाई का काम 70 प्रतिशत तक पूरा

दिल्ली नगर निगम ने बुधवार को इस वर्ष के लिए अपनी मानसून कार्य योजना का एलान किया. इसके तहत नालों की सफाई, जलभराव वाले हॉटस्पॉट की पहचान और अपने नियंत्रण कक्षों के माध्यम से बारिश से संबंधित घटनाओं को संबोधित करने पर मुख्य ध्यान दिया गया है. इस बीच MCD ने एक बयान में कहा कि नालों की सफाई का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और निगम ने 15 जून से पहले शेष काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

नियंत्रण कक्ष शुरू किए जाएंगे

एमसीडी के अधिकारियों के मुताबिक, डीसी सहित सभी जोनल प्रमुखों को बारिश के दौरान सतर्क रहने तथा जनशक्ति और संसाधनों की तैनाती के संबंध में त्वरित कार्रवाई करने के लिए जानकारी दी गई है. बता दें कि शहर में अधिकांश गाद निकालने का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से किया जाता है, जिसमें किराए की एजेंसियां ​​गाद निकालने के लिए उत्खननकर्ताओं (जेसीबी) और मैनुअल श्रमिकों का उपयोग करती हैं, जिसे फिर सुरक्षित लैंडफिल (एसएलएफ) साइटों पर डंप किया जाता है. एमसीडी की ओर से एक बयान में कहा गया है कि नालों में तैरती सामग्री की देखभाल भी मैनुअल मजदूरों द्वारा की जाती है. उन्होंने कहा कि मुख्यालय स्तर पर तथा एमसीडी के सभी 12 जोनों में मानसून के दौरान नियंत्रण कक्ष चालू हो जाएंगे.

दिल्ली में बारिश से होता है जलभराव

वहीं, मानसून कार्य योजना को लागू करने के लिए वार्ड स्तर पर टीमें भी बनाई गई हैं. इस बाबत निगम ने कहा कि सभी जोनों द्वारा एक विस्तृत ड्यूटी रोस्टर तैयार किया जाएगा तथा शिकायतों को सुनने के लिए पर्याप्त जनशक्ति और मशीनरी के साथ आवश्यक कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा. वहीं जलभराव पर काबू पाने के लिए एमसीडी ने कहा कि उसके पास कुल 72 स्थायी पंप स्टेशन और 465 अस्थायी पंप स्टेशन हैं, जिनका उपयोग उन क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए किया जाता है, जहां बारिश के कारण जलभराव होता है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड में पर्याप्त पंपों के साथ टीमें बनाई जाएंगी, जो अपने क्षेत्रों में जलभराव की समस्या को हल करेंगी.

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