Lok Sabha Election 2024: देश की सबसे छोटी संसदीय सीट दिल्ली चांदनी चौक है. इस सीट की खास बात यह है कि जिस पार्टी की केंद्र में सत्ता होती है, उसी के पास यह सीट जाती है.
25 May, 2024
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के लिए आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 58 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की सबसे छोटी संसदीय सीट दिल्ली चांदनी चौक है. इस सीट की खास बात यह है कि जिस पार्टी की केंद्र में सत्ता होती है, उसी के पास यह सीट जाती है. इस सीट पर अब तक 15 चुनाव हो चुके हैं और ज्यादातर केंद्र की सत्ता वाली पार्टी के पास ही यह सीट रही है. केवल दो बार ही ऐसा हुआ है जब जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशी की सत्ता केंद्र में नहीं आई है. इसलिए यह सीट देश का मूड तय करने वाली मानी जाती है.
व्यापारी वर्ग का दबदबा
चांदनी चौक सीट क्षेत्रफल की हिसाब से देश की सबसे छोटी लोकसभा सीट है. इस सीट पर शुरू से ही व्यापारी वर्ग का दबदबा रहा है. मॉडल टाउन, शालीमार बाग और आदर्श नगर इसी लोकसभा में आते हैं. BJP ने इस बार प्रवीण खंडेलवाल को टिकट दिया है. जो की खुद भी बिजनेसमैन हैं और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के संस्थापक हैं.
चांदनी चौक सीट का इतिहास
चांदनी चौक लोकसभा सीट 1956 अस्तित्व में आई थी. इस सीट पर पहला चुनाव साल 1957 में हुआ था. कांग्रेस के राधा रमण ने यहां से पहली बार जीत दर्ज की थी. साल 1962 में भी लोगों ने कांग्रेस पर ही भरोसा जताया, लेकिन 1967 में पहली बार भारतीय जनसंघ ने कांग्रस को हराकर जीत अपने नाम कर ली. साल 1991 में BJP को यहां से पहली बार जीत मिली थी. ताराचंद खंडेलवाल यहां के सांसद बने थे. 2019 तक हुए लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस को ज्यादातर बार जीत मिली है. बात दें कि कांग्रेस को जहां 9 बार जीत मिली है तो वहीं BJP ने 5 बार जीत अपने नाम की है.
किस समाज के कितने लोग?
चांदनी चौक लोकसभा सीट पर लगभग 15,61,828 वोटर हैं. जिसमें 8,48,303 पुरुष मतदाता हैं और 7,13,393 महिला मतदाता हैं. चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं. इस सीट पर मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या काफी ज्यादा है. 20.34 फीसदी मुसलमान, एससी जाति के 21.14 फीसदी, जैन 1.24 फीसदी और सिख 2.26 फीसदी मतदाता हैं.
BJP और कांग्रेस के बीच मुकाबला
इस सीट पर इस बार BJP और कांग्रेस के बीच मुकाबला है. BJP ने इस बार डॉ. हर्षवर्धन का टिकट काटकर प्रवीण खंडेलवाल को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस ने जेपी अग्रवाल को टिकट दिया है. जेपी अग्रवाल 10 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और 1984, 1989 और 1996 में इस सीट से जीत अपने नाम की थी.
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