OTT Content Approval: इन दिनों हर कोई मनोरंजन के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहा है. मगर कभी सोचा है कि ओटीटी पर कौन सा कंटेंट जाएगा और कौन सा नहीं ये तय करने का अधिकार किसे है?
22 May, 2024
OTT Content Approval: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केंद्र से पूछा है कि कौन सी अथॉरिटी ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कंटेंट दिखाने के लिए सर्टिफिकेट देती है. वहीं, अदालत ने केंद्र और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से जवाबी हलफनामा दायर कर ये बताने को कहा है कि क्या ओटीटी फिल्मों के लिए कोई अन्य व्यवस्था है या फिर CBFC के पास ही उन्हें सर्टिफिकेट देने का अधिकार है.
अगली सुनवाई की तारीख
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अगस्त 2024 की तारीख तय की है. आपको बता दें कि ये आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने दीपांकर कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर पारित किया. दीपांकर कुमार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि तेलुगु फिल्म ‘धी अंते धी’ के हिंदी रूपांतरण ‘ताकतवर पुलिसवाला’ में बिहार के लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं.
सर्टिफिकेट रद्द करने की मांग
साल 2015 में रिलीज हुई ये तेलुगु फिल्म यूट्यूब पर उपलब्ध है और याचिकाकर्ता ने फिल्म के सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट को रद्द करने की मांग की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एडवोकेट जनरल कुलदीप पति त्रिपाठी को न्याय मित्र नियुक्त किया और उनसे मामले की सुनवाई में सहयोग करने को कहा. फिल्म देखने के बाद एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि इसमें बेहद आपत्तिजनक संवाद हैं, जिससे क्षेत्र के आधार पर भेदभाव, विभिन्न राज्यों के लोगों के बीच कड़वाहट और सार्वजनिक शांति भंग हो सकती है.
CBFC से मांगा जवाब
इस पर कोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और CBFC से जवाब मांगा. कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि अगर अगली सुनवाई तक जवाब नहीं मिलता है तो CBFC के एक राजपत्रित (gazetted) अधिकारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के लिए उपस्थित होना होगा.