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DelhI High Court: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

by Pooja Attri
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Excise Police Case: दिल्ली हाईकोर्ट आज यानी 21 मई, मंगलवार को हाईकोर्ट कथित आबकारी नीति घोटाले के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर शाम 5 बजे तक फैसला सुना सकता है.

21 May, 2024

Manish Sisodia Bail News: दिल्ली हाई कोर्ट कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में ईडी और सीबीआई की ओर से दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर मंगलवार को अपना आदेश सुनाएगी. हाई कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई लिस्ट के अनुसार, जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा 21 मई को शाम पांच बजे दोनों जमानत याचिकाओं पर आदेश सुना सकती हैं.

सीबीआई और ईडी की ओर से दलीलें

हाई कोर्ट ने 14 मई को आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया के अलावा सीबीआई और ईडी की ओर से दलीलें सुनने के बाद याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. बहस के दौरान, ईडी ने दलील दी थी कि वो दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में अगले आरोप पत्र में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाएगी.

अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

17 मई को ईडी ने धन शोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया और आम आदमी पार्टी को भी आरोपित बनाया. मनीष सिसोदिया के लिए जमानत का की मांग करते हुए उनके वकील ने कहा था कि ईडी और सीबीआई अभी भी मनी लॉड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं और मुकदमे के जल्द समापन की कोई संभावना नहीं है. मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध ईडी और सीबीआई दोनों ने ही किया. उन्होंने विरोध करते हुए बताया कि मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया में देरी करने के लिए आरोपियों द्वारा बहुत कोशिश की जा रही है.

क्या हैं सिसोदिया पर आरोप?

सिसोदिया पर शराब घोटाले को लेकर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हुए हैं. उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने शराब लाइसेंस लेने वालों को फीस में करोड़ों रुपये की छूट दी थी. इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. मनीष सिसोदिया ने एक्साइज नीति के खिलाफ अपने फैसलों को अंजाम दिया. उन्होंने इस घोटाले से बचने के लिए 12 से ज्यादा फोन और सिम कार्ड बदलें.

यह भी पढ़ें: Supreme Court: नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इन्कार

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