India-Pakistan Trade : भारत और पाकिस्तान बॉर्डर पर फायरिंग को लेकर खबरें आती रहती हैं. लेकिन इस बार दोनों देश व्यापार को लेकर काफी चर्चाओं में हैं.
19 May, 2024
India-Pakistan Trade : भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार गतिरोध होने के कारण इसका असर व्यापार पर पड़ता है. इसी बीच एक बार फिर दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार (Foreign Minister Ishaq Dar) ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से आयात पर भारत द्वारा ‘भारी शुल्क’ लगाए जाने के कारण इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच व्यापार संबंध 2019 से निलंबित हैं. शनिवार को नेशनल असेंबली को सौंपे गए एक लिखित उत्तर में डार ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया, कश्मीर बस सेवा और सीमा पार व्यापार को निलंबित कर दिया.
भारत-पाक व्यापार की कोई योजना नहीं : डार
डार पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की विधायक शर्मिला फारुकी के उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने पड़ोसी देशों, खासकर भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों में आने वाली व्यापार चुनौतियों के बारे में जानकारी मांगी थी. लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डार ने भारत के साथ व्यापार गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए पाकिस्तान के व्यापारिक समुदाय की उत्सुकता पर प्रकाश डाला. हालांकि उनके कार्यालय ने बाद में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने की कोई योजना नहीं है जो 2019 से अस्तित्वहीन है.
आर्टिकल 370 के बाद शुरू हुआ विवाद : पाक
5 अगस्त, 2019 को भारतीय संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने व्यापार के आयात-निर्यात को बहुत कम कर दिया. आर्टिकल 370 एक ऐसा निर्णय है जिस पर इस्लामाबाद का मानना था कि इसने पड़ोसियों के बीच बातचीत के माहौल को कमजोर कर दिया है. डार ने शनिवार को कहा कि हमने भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के मुख्य मुद्दे सहित सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए लगातार रचनात्मक जुड़ाव और परिणामोन्मुख बातचीत की वकालत की है. विदेश मंत्री ने कहा कि शांति और बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए कदम उठाने की जिम्मेदारी अब दिल्ली पर है.
पाकिस्तान नहीं लगा पाया आतंकियों पर रोक
भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है, जबकि इस बात पर जोर देता रहा है कि इस तरह के जुड़ाव के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है. इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच तनावपूर्ण संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसका मुख्य कारण कश्मीर मुद्दा और साथ ही पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाला सीमा पार आतंकवाद है.
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