Rajasthan News: कल यानी 11 मई, शनिवार को दुनियाभर में ‘वर्ल्ड माइग्रेटरी बर्ड डे’ मनाया गया. इस दिन को मनाने का एक मात्र मकसद प्रवासी चिड़ियों का संरक्षण है. राजस्थान के भरतपुर में केवलादेव नेशनल पार्क दुनिया भर से आने वाली प्रवासी चिड़ियों के लिए मशहूर है.
12 May, 2024
Keoladeo National Park: राजस्थान के भरतपुर में केवलादेव नेशनल पार्क दुनिया भर से आने वाली प्रवासी चिड़ियों के लिए मशहूर है. यहां शनिवार को ‘वर्ल्ड माइग्रेटरी बर्ड डे’ मनाया गया. वन अधिकारियों के मुताबिक पार्क में करीब 350 किस्म की चिड़ियां देखी जाती हैं. वे यहां अक्टूबर से मार्च के बीच प्रजनन और खाने की तलाश में आती हैं.
कब मनाया जाता है वर्ल्ड माइग्रेटरी डे
केवलादेव नेशनल पार्क के डीएफओ मानस सिंह का कहना है कि ‘वर्ल्ड माइग्रेटरी डे’ जो की कल यानी 11 मई, शनिवार को था. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों में जागरुकता फैलाना है. जब हमारे पक्षियों के ब्रीडिंग ग्राउंड और रेस्टिंग ग्राउंड है उन्हें हमें बहुत अच्छी तरह से संरक्षित करना है ताकि इसको हम उन्हें अपनी अगली पीढ़ी को भी दे सकें. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान जो कि 29 स्क्वायर किलोमीटर का नेशनल पार्क है, वर्ल्ड हेरिटेज साइट है, रामसर साइट है. दुनिया में बहुत ही कम ऐसी जगह हैं जहां इतनी छोटी जगह में आपको 350 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां मिलती हैं.’ वन अधिकारियों ने कहा कि प्रवासी चिड़ियों के संरक्षण के लिए अलग-अलग देशों का साथ मिलकर काम करना जरूरी है.
वर्ल्ड माइग्रेटरी डे का मकसद
केवलादेव नेशनल पार्क के डीएफओ मानस सिंह ने आगे कहा, ‘वर्ल्ड माइग्रेटरी डे मनाने का हमारा उद्देश्य देश में जागरुकता फैलाना है. जो मीडिया और अपनी कन्वेंशन के के माध्यम से आगे फैलाना है. साथ ही लोगों को लोगों को भी ये बताना है कि कितना जरुरी है, कि हमें ये कंजर्व करना है क्योंकि हम पक्षियों को बचाकर केवल एक प्रजाति को नहीं बचा रहे हैं बल्कि हम पूरे इको-सिस्टम को बचा रहे हैं जो बहुत जरुरी है.’ प्रवासी चिड़ियों के प्राकृतिक घरों के संरक्षण के लिए हर साल 11 मई को वर्ल्ड माइग्रेटरी बर्ड डे मनाया जाता है.
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