Bihar Kisan: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की लीची देश-दुनिया में मशहूर है. इस जिले में लीची की खेती के अलावा, जिले के किसान मुनाफा कमाने के लिए नए तरीकों से लीची के शहद का उत्पादन करने के लिए मधुमक्खी पालन भी कर रहे हैं.
12 May, 2024
Bihar Kisan: मुजफ्फरपुर जिले में राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र यानी NRCL के वैज्ञानिक लीची की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. वे किसानों को पौधे और अन्य तकनीकी जानकारी भी दे रहे हैं. किसानों के मुताबिक लीची के पराग से तैयार शहद की काफी मांग है क्योंकि इसे सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. किसानों का कहना है कि कई बड़ी कंपनियों ने लीची शहद खरीदने के लिए उनसे बात की है. इससे उम्मीद है कि उन्हें इस सीजन में अच्छा मुनाफा होगा.
विज्ञानिको ने भी दिया यह समाधान
अंकित कुमार, वैज्ञानिक, नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन लीची के वैज्ञानिक अंकित कुमार ने कहा कि कटाई के बाद में हम लीची के शेल्फ जीवन को बढ़ाने पर शोध कर रहे हैं, विशेष रूप से परिवेश की स्थिति पर बहुत कम शोध है, इसलिए हम परिवेशीय स्थिति में लीची को संरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं और हम लीची के परिवहन पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और मदद से IIP (Indian Institute of Packaging) के हम कुछ पैकिंग डिजाइन पर भी काम कर रहे हैं.
डॉक्टर की राय ले रहे हैं किसान
वहीं NRCL (National Research Centre on Litchi) के सीनियर टेक्निकल ऑफिसर डॉक्टर अशोक धाखड़ का कहा है कि फलों को शुष्क या गर्म हवा तथा सूर्य की सीधी किरणों से बचाना होता है ताकि फल गर्मी के कारण न झुलसें, जब कभी फल झुलस जाते हैं तो उनमें दरारें पड़ने लगती हैं और इसे रोकने के लिए नॉन वोवन पॉली प्रोफाइलिंग बैग का इस्तेमाल किया जाता है जो काफी सफल साबित होता है.
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