Mother’s Day Special: सोनिया गांधी और राजीव गांधी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पहली बार मिले. दोनों को प्यार हुआ और बात शादी तक पहुंच गई.
11 May, 2024
Sonia Gandhi Mother’s Day: कहते हैं राजनीति में सबसे बड़ी होती है कुर्सी… जो भी इस पेशे में है जो सिर्फ सत्ता का ही सपना देखता है, भारत की बात करें तो यहां पर प्रधानमंत्री का पद सबसे बड़ा माना जाता है, लेकिन सोनिया गांधी वो नाम है जिन्होंने PM की कुर्सी एक पल में ठुकरा दी. सोनिया गांधी अपने आप में बड़ा नाम है. उन्होंने अपना देश छोड़कर पराए मुल्क को अपनाया, भारत के कल्चर को गले लगाया… पर देखा जाए तो भारत ने सोनिया गांधी को कभी नहीं अपनाया. अब सवाल ये उठता है कि आखिर भारत का इतिहास उन्हें कैसे याद रखेगा.
हाथ आई सत्ता को ठुकराया
वो चाहती तो सोनिया गांधी केवल पीएम ही नहीं बनती बल्कि कांग्रेस पार्टी की सर्वेसर्वा बन सकती थीं. 31 अक्तूबर, 1984 को अपनी सास इंदिरा गांधी को खोने वाली सोनिया को 21 मई, 1991 को एक और झटका लगा, जब श्रीपेरुमबुदुर (तमिलनाडु) में आतंकियों ने उनके पति की जान ली. इसके बाद का जीवन सोनिया के लिए आसान नहीं था. घर और बच्चों (बेटे राहुल और बेटी प्रियंका गांधी) की जिम्मेदारियों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी का पूरा भार भी उन्हीं के कंधों पर था. हालांकि, बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने खुद को राजनीति से पूरी तरह से दूर किया और मां की भूमिका में खुद को समर्पित कर दिया.
पहली मुलाकात का असर
सोनिया गांधी और राजीव गांधी पहली बार कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में मिले थे. दोनों की दोस्ती प्यार में बदली लेकिन ना तो सोनिका के घरवाले और ना ही इंदिरा गांधी दोनों की शादी के पक्ष में थीं. इस बात का जिक्र सोनिया गांधी की बायोग्राफी में भी है. हालांकि, दोनों के प्यार के आगे सबको झुकना पड़ा और साल 1968 में सोनिया और राजीव शादी के बंधन में बंध गए.
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