Home Election कन्नौज से मुस्लिम उम्मीदवार न उतारने पर मायावती ने सपा प्रमुख पर साधा निशाना, बोलीं – यादव परिवार से आगे नहीं देख सकती पार्टी

कन्नौज से मुस्लिम उम्मीदवार न उतारने पर मायावती ने सपा प्रमुख पर साधा निशाना, बोलीं – यादव परिवार से आगे नहीं देख सकती पार्टी

by Rashmi Rani
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Mayawati on Akhilesh Yadav

Lok Sabha Election 2024: मायावती ने कहा कि कन्नौज से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा क्योंकि वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के परिवार से आगे देख ही नहीं सकते हैं.

09 May, 2024

Lok Sabha Election 2024: इकॉनोमिक एडवाइजरी काउंसिल टू दी प्राइम मिनिस्टर की रिपोर्ट सामने आने के बाद देश में विवाद हो गया है. जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार हिंदुओं की जनसंख्या हिस्सेदारी में 1950 और 2015 के बीच 7.8 प्रतिशत की तेजी से गिरावट आई है. वहीं, मुसलमानों की आबादी में 43.15 फीसद इजाफा हुआ है. दूसरी तरफ अब बसपा अध्यक्ष मायावती ने का बयान सामने आया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कन्नौज से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा क्योंकि वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के परिवार से आगे देख ही नहीं सकते हैं.

पार्टी उनके परिवार से आगे नहीं देख पाती

कन्नौज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि याद कीजिए कि कैसे यादव ने अपनी सरकार के दौरान दलित में पैदा हुए महापुरुषों के नाम पर उनकी सरकार द्वारा नामित जिलों के नाम बदल दिए थे. उन्होंने कहा कि भले ही कन्नौज में मुस्लिम बड़ी संख्या में हैं, लेकिन सपा इस समुदाय को टिकट नहीं देती है और आरोप लगाया कि सपा परिवार से यादवों को चुनाव में उतारा जाता है क्योंकि पार्टी उनके परिवार से आगे नहीं देख पाती है.

अधिकांश जिलों के नाम बदल दिए

उन्होंने कहा कि जब बसपा ने मुसलमानों को अधिकार दिया तो सपा इसे पचा नहीं पाई और उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय से कहा कि वे इसे याद रखें और केवल बसपा को वोट दें और सपा को एक भी वोट न दें. जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार थी तो मैंने बहुत काम किया लेकिन राजनीतिक विरोधियों, खासकर समाजवादी पार्टी को समाज के दबे-कुचले तबके में जन्मे महापुरुषों को सम्मान दिया जाना पसंद नहीं आया. सत्ता में आने के बाद उन्होंने अपने नाम पर रखे गए अधिकांश जिलों, पार्कों और संस्थानों के नाम बदल दिए.

पदोन्नति में कोटा किया समाप्त

मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव ने न केवल पदोन्नति में कोटा समाप्त किया, बल्कि जब कांग्रेस सरकार के दौरान संसद में एक संशोधन विधेयक लाया गया, तो उसने (कांग्रेस ने) समाजवादी पार्टी और अन्य दलों को आगे रखकर और BJP के साथ मिलकर इसे पारित नहीं होने दिया. इतना ही नहीं, सपा सांसदों ने संसद में बिल फाड़ दिया. बसपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि देश में आरक्षण बहुत सीमित हो गया है और इन वर्गों का उत्पीड़न नहीं रुका है क्योंकि कोटा का प्रावधान किए बिना अधिकांश काम निजी क्षेत्र और बड़े उद्योगपतियों को दिया जा रहा है.

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