Covishield: एस्ट्राजेनेका ने ताजा फैसला लेते हुए दुनिया भर से अपनी कोविड-19 वैक्सीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है. कुछ दिनों पहले कंपनी ने इस बात को भी स्वीकार किया था कि वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं.
08 May, 2024
Astrazeneca covid vaccine: ब्रिटेन के अखबार द टेलिग्राफ में छपी इस रिपोर्ट ने पूरी दुनिया को चिंतित कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक एस्ट्रेजेनेका ने यूके हाई कोर्ट को फरवरी में सौंपी अपनी रिपोर्ट में ये स्वीकार किया है कि कुछ रेयर केसेज़ में उसके कोविड वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं. इससे TTS यानी थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम नाम की बीमारी होती है. एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उसकी वैक्सीन के कारण कई लोगों की मौत हुई और कुछ को गंभीर बीमारी से जूझना पड़ रहा है. कंपनी के खिलाफ 51 केस चल रहे हैं, जिसमें से पीड़ितों ने कंपनी से 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है. बता दें कि एस्ट्राजेनेका ने साल 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाई थी। इसके फॉर्मूले के इस्तेमाल करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई थी. इस वैक्सीन को बड़ी संख्या में लोगों ने लगवाया है.
वैक्सीन को लेकर शिकायत
एस्ट्राजेनेका ने ये स्टेटमेंट जेमी स्कॉट नाम के शख्स की शिकायत पर हुई सुनवाई में दिया था. अप्रैल 2021 में जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने ये वैक्सीन लगवाई थी. इसके बाद उनकी हालत खराब हो गई. शरीर में खून के थक्के बनने का सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ा. इसके अलावा, स्कॉट के ब्रेन में इंटर्नल ब्लीडिंग भी हुई.जिसके बाद जेमी स्कॉट ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. हालांकि मई 2023 में स्कॉट के आरोपों के जवाब में कंपनी ने दावा किया था कि उनकी वैक्सीन से TTS नहीं हो सकता है, लेकिन फरवरी में हाईकोर्ट में जमा दस्तावेजों में कंपनी इस दावे से पलट गई.
क्या है TTS बीमारी
खास बात ये है कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल अब ब्रिटेन में नहीं हो रहा है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में भी इसे बैन किया जा चुका है और अब तो कंपनी ने इसकी मैन्युफैक्चरिंग ही बंद कर दी है. लेकिन एक सवाल अभी भी बना हुआ है कि उन करोड़ों लोगों का क्या. जो इस वैक्सीन को ले चुके हैं.
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