Home Top News2 Boycott Voting : मूलभूत सुविधाएं नहीं तो वोट नहीं, कुछ राज्यों के लोगों ने क्यों किया मतदान का बहिष्कार?

Boycott Voting : मूलभूत सुविधाएं नहीं तो वोट नहीं, कुछ राज्यों के लोगों ने क्यों किया मतदान का बहिष्कार?

by Live Times
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Boycott Voting In Lok Sabha elections : 2024 तीसरे चरण में देश की 93 लोकसभा सीटों पर मतदान 7 मई को होने है. वहीं पहले चरण में 102 और दूसरे चरण में 87 लोकसभा सीटों पर चुनाव हुआ था.

Boycott Voting In Lok Sabha elections : 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर हर तरह एक अगल उत्साह देखा जा रहा है. कहीं युवा तो कहीं नए वोटर्स अपने-अपने मुद्दों को लेकर मतदान कर रहे हैं. ऐसे में अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है, जिसके नतीजे 4 जून को आएंगे. बात अगर तीसरे चरण की करें तो ऐसे में 11 राज्यों में कुल 1331 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. लेकिन इन सब के बीच कुछ अगल-अगल राज्यों की लोकसभा सीटें ऐसी भी हैं जो मतदान का बहिष्कार करती नजर आ रही हैं

UP में इसलिए हुआ बहिष्कार

बात अगर उत्तर प्रदेश की करें तो यहां भी कई लोकसभा सीटें ऐसी है जो अलग-्अलग मुद्दों के मद्देनजर मतदान का बहिष्कार करती नजर आ रही हैं. इसमें मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, पौड़ी, बीजुखेड़ी, मथुरा, मिर्जापुर,बुलंदशहर आदि जैसे सीटों के कई गांवों में लगातार मुद्दों के कारण बहिष्कार किया जा रहा है. कई जगह सांसद विधायक समेत सभी नारेबाजी की जा रही है. कहीं अवारा पशुओं का मुद्दा है तो कहीं पोलिंग बूथ पर सुविधाओं का ना होना भी एक बड़ा मसला बन गया है.

बिहार की जनता के मुद्दे

बिहार की भी कई लोकसभा सीट पर कई बड़ें मुद्दे देखें गए है, जिस कारण लोगों ने मतदान का बहिष्कार करना शुरु कर दिया है. इसके साथ ही जनता ने ‘समस्या का समाधान नहीं… तो वोट नहीं’ जैसी नारेबाजी भी की. गुस्साई जनता ने सभी पोलिंग बूथ पर विरोध प्रदर्शन भी किया. परवलपुर, नालंदा जिले के वेन प्रखंड के खैरा गांव के ग्रामीणों ने भी आगामी एक जून को होनेवाले लोकसभा चुनाव 2024 का मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है . साथ ही हद तो तब हो गई जब बिहार के औरंगाबाद के नेहटा गांव स्थित पोलिंग बूथ पर महज तीन लोगों ने वोट डाला. अपनी समस्याओं को लेकर गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया.

600 आदिवासी वोटर्स हुए नाखुश

त्रिपुरा में 600 आदिवासी वोटर्स ने भी मतदान का बहिष्कार किया है. त्रिपुरा के SDM ने इसकी बड़ी वजह बताई है. एसडीएम ने कहा कि ग्रामीणों ने पीने के पानी की समस्या के बारे में भी शिकायत की है, साथ ही लोगों का यहा भी कहना है कि कई बार बोलने के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता है. ऐसे में हम ग्रामीणों को बड़ी समस्या का सामना भी करना पड़ता है.

यह भी पढ़ें: भारत-पाक सीमा पर मिला पाकिस्तानी गुब्बारा, जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

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