ED Raid in Ranchi : झारखंड में ED ने बड़ी रेड की है, जिसमें काफी बड़ी नकदी बरामद कि गई है. दरअसल राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर के निजी सचिव के नौकर के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान भारी संख्या में कैश बरामद किया गया है.
06 May, 2024
ED Raid in Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने 06 May को झारखंड के रांची में राज्य के एक मंत्री के करीबियों के कथित तौर पर जुड़े ठिकानों की तलाशी ली, जिसके जरिए ED को काफी कैश मिला. इसकी गिनती अभी भी जारी है. सूत्रों की तरफ से शेयर किए गए वीडियो फुटेज में एक कमरे में नोटों की गड्डियां फैली हुई दिखाई दे रही हैं, साथ ही बताया जा रहा है कि ये ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के ठिकाने से बरामद कि गई है.
क्या है पूरा मामला ?
ईडी के सूत्रों ने कहा कि बरामद कैश का पता लगाने के लिए अभी गिनती की जा रही है. यह छापेमारी ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र के. राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी है, जिन्हें पिछले साल ED ने गिरफ्तार भी किया था. अब सवाल उठता है कि आखिर क्या है मनी लॉन्ड्रिंग मामला? दरअसल, बरामद हुए ‘नोटों के पहाड़’ का कनेक्शन चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री आलमगीर आलम से हैं. क्योंकि उनके निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर से यह कैश मिला है. साथ ही ईडी को यह इनपुट मिला कि आलमगीर आलम के मंत्रालय में करप्शन हो रहा है और काली कमाई नौकरों के घर रखी जा रही है. इस जानकारी के बाद ED ने मंत्री के निजी सचिव के नौकर के घर रेड की और करोड़ों की बरामदगी हुई की गई.
क्या है आलमगीर आलम से कनेक्शन
आलमगीर आलम झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री हैं. वह कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक हैं. वह साल 2006 से 2009 तक विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह साल 2000 में पहली बार विधायक बने थे. इससे पहले हेमंत सोरेन सरकार में भी वह मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में अब इस ‘नोटों के पहाड़’ से कनेक्शन जुड़ने के बाद उनकी और उनके पार्टी दोनों की मुश्किलें बढ़त गई हैं.
BJP के प्रवक्ता शाहदेव प्रतुल की मांग, मंत्री आलमगीर आलम से भी पूछताछ हो
झारखंड में लोकसभा चुनाव के चौथे और पांचवें चरण के मतदान से पहले बीजेपी ने सोमवार को कहा कि रांची में ED की तरफ से की गई छापेमारी के मामले में झारखंड के मंत्री आलमगिरी आलम से पूछताछ की जानी चाहिए. ED ने सोमवार को दावा किया कि राज्य के मंत्री आलमगीर आलम के सहयोगी के कथित तौर पर जुड़े ठिकानों की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में “बेहिसाब” नकदी बरामद की गई है. इस पर प्रतुल शाहदेव ( प्रवक्ता, भाजपा) का कहना है कि हेमंत सोरेन सरकार पार्ट वन और पार्ट टू की करप्शन की अनंत कथा जो है गाथा, वो समाप्ति होने का नाम नहीं लेती है. कभी कांग्रेस के सांसद के यहां 350 करोड़ मिलते है कभी उनके सचिव के यहां 20 करोड़ रुपये मिलते हैं. पंकज मिश्रा के एसोसिएट्स के यहां 10 करोड़ से ज्यादा मिलते हैं तो अब एक मंत्री के पीए के यहां से 20 करोड़ बरामदी की सूचना मीडिया में आ रही है. उन्होंने मांग की है कि आलमगीर आलम से भी पूछताछ होनी चाहिए और इलेक्शन कमीशन को इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या ये काला धन था, जिसका कांग्रेस चुनाव में दुरुपयोग करना चाहती थी, बहुत ही संगीन मामला है और तुरंत इलेक्शन कमीशन को संज्ञान लेना चाहिए.
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