Google Doodle Celebrates Hamida Banu: गूगल ने 04 मई को भारत की पहली पेशेवर महिला पहलवान हमीदा बानो (Hamida Banu) का डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. दरअसल, हमीदा बानो 50 के दशक में पुरुष-प्रधान खेल कुश्ती में उभरकर सामने आने वाली पहली महिला पहलवान थी.
04 May, 2024
4 मई को गूगल ने डूडल (Google Doodle) के जरिए भारत की पहली महिला पहलवान को याद किया है.लेकिन आज गूगल ने हमीदा बानो पर डूडल बनाने की खास वजह यह है कि 4 मई साल 1954 में उन्होंने प्रसिद्ध पहलवान बाबा पहलवान को चुनौती दी थी और हराया था. जिसके बाद से ही उन्होंने अपने दमखम से पूरी दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया था. भारत की पहली महिला प्रोफेशनल रेसलर के रूप में पहचान बनाने के बाद कई पहलवानों को हराया था. आइए जानते हैं कि कौन थी हमीदा बानू बेगम.
कौन थीं हमीदा बानो? (Who is Hamida Banu)
हमीदा बानो (Hamida Banu Biography) उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में जन्मी थीं और शुरू से ही कुश्ती में उनकी काफी दिलचस्पी भी रही. उस दौर में कुश्ती सिर्फ पुरुषों तक सीमित थी. इसके साथ ही मुस्लिम परिवार में रह कर भी उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. महिलाएं तो अखाड़े में उतरने का सोच भी नहीं सकती थीं. हमीदा ने जब अपने परिवार वालों से कुश्ती लड़ने की बात कही, तो परिवार ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई. इतना ही नहीं काफी बार हमीदा ने पहलवानी के लिए बगावत भी की और अलीगढ़ चली आईं.
पहलवान सलाम से ली ट्रेनिंग
लंबे लड़ाई के बाद उन्होंने सलाम पहलवान से कुश्ती के दांव-पेंच सीखे और फिर मुकाबले में उतरने लगीं. महेश्वर दयाल साल 1987 में प्रकाशित अपनी किताब में लिखते हैं कि कुछ साल के भीतर हमीदा बानो (Hamida Banu) उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक मशहूर होती चली गईं. वह बिल्कुल पुरुष पहलवानों की तरह लड़ा करती थीं. धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही चली गई. दोर दराज से लोग उनका मुकाबला देखने भी आया करते थे. शुरू में छोटे-मोटे मुकाबला लड़ती रहीं, लेकिन वह जो हासिल करना चाहती थीं, इन मुकाबलों से नहीं मिल सकता था.
‘जो मुझे हराएगा, उससे कर लूंगी शादी’
ऐसा भी बताया जाता है कि हमीदा बानो (Hamida Banu) साल 1954 में तब चर्चा में आई, जब उन्होंने एक अजीबोगरीब शर्त रखी. दरअसल, बानो ने घोषणा की कि जो पुरुष पहलवान उन्हें कुश्ती में हराएगा, उससे वह शादी कर लेंगी. इस एलान के बाद तमाम पहलवानों ने उनका चैलेंज स्वीकार भी किया, लेकिन हमीदा (Hamida Banu) के आगे कोई टिक नहीं पाया. पहला मुकाबला पटियाला (Patiala) के कुश्ती चैंपियन से हुआ और दूसरा कलकत्ता के चैंपियन से. ऐसे कई मुकाबले हुए लेकिन हमीदा ने सबको धूल चटा दी.
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