Jaipur Rajasthan: जयपुर में अप्रैल की शुरुआत से ही पारा 40 डिग्री के पार चला गया है. इस वजह से नाहरगढ़ बायोलॉजीकल पार्क में जानवरों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. यहां पर शेर, बाघ और भालू जैसे बड़े जानवरों के लिए कूलर लगाए गए हैं, जबकि उनके बाड़ों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है.
03, May, 2024
Nahargarh Biological Park: जयपुर में तेज गर्मी और धूप की तपिश से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है. गर्मी से बचने के लिए जानवरों कई ठंडी चीजें दी जा रही हैं. जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों को गर्मी से बचाने के लिए वन विभाग की तरफ से खास तरह के इंतजाम दिए गए हैं. हिरण को ककड़ी औक तरबूज खिलाएं जा रहे हैं जबकि भालू को आइसक्रीम खिलाई जा रही है. बाघ, पैंथर और शेर जैसे जानवरों के लिए एंक्लोजर्स में ठंडी हवा के लिए कूलर्स के इंतजाम किए गए हैं.
चिड़ियाघर के इंतजाम
जयपुर चिड़ियाघर के डीएफओ जगदीश चंद गुप्ता ने बताया, ‘हर एनक्लोजर में कूलर लगाए गए है ताकि जानवरों लिए ठंडा वातावरण बना रहे. बाहर से जो विजिटर्स है, जो डिस्प्ले एरिया है उसके अंदर रैन गन्स लगा रखे है जिससे पानी लगातार चलता रहता है. ऐसा करने से माइक्रोक्लाइमेट बना रहता है, जिससे ठंडा वातावरण जानवरों को मिलता है. इसके साथ-साथ चिड़ियाघर द्वारा ड्रिप सिस्टम भी लगाया गया है और पंखों की भी व्यवस्था की गई है. किसी भी वन्य जीव को गर्मी का अहसास ना हो इस प्रकार की व्यवस्था हमारे द्वारा की गई है.’ उन्होंने आगे कहा, डीहाइड्रेश नहीं हो, इसके लिए जानवरों को मौसमी फल और ग्लूकोज मिला पानी पिलाया जा रहा है.
क्या खिलाया जा रहा है
डीएफओ जगदीश चंद गुप्ता के मुताबिक, ‘जो शाकाहारी वन्य जीव है उनको गर्मी के दिनों में मौसमी फल जैसे- ककड़ी, खीरा और तरबूज आदि दिया जाता है, जिससे उनकी गर्मी शांत हो सके विशेषकर भालू की, भालू को हम गर्मी के दिनों में फ्रुट आइसक्रीम जो दूध में सेब, केला आदि फलों को मिलाकर बनी होती है और उसके साथ-साथ सत्तु का सेवन कराया जाता है. भालू एक गर्म प्रकृति वाला जानवर होता है. गर्मी ज्यादा होती है उसको गर्मी में शांत रखने के लिए.’
लगाए गए एयरकुलर
फॉरेस्टर माधोराम मीना ने कहा, ‘देखिए, गर्मी के हिसाब से अभी सभी जानवरों को शावर करके, नहलाकर पानी में से बाहर निकालते हैं औऱ सभी में एयरकुलर लगे हुए हैं और दिन भर इनको चलाते हैं ताकि तापमान मेंटेन रहे. इसके अलावा पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार इनको इलेक्ट्रॉल पाउड़र और ग्लूकोज पाउड़र पानी में घोलकर देते हैं.’ इन खास इंतजामों का मकसद जानवरों को गर्मी से जुड़ी बीमारियों से बचाना है.
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