Home International केरल के Sheikh Hassan Khan हैं पहाड़ चढ़ने के शौकीन, 5 साल में 195 सबसे ऊंची चोटियां फतह करने का लक्ष्य

केरल के Sheikh Hassan Khan हैं पहाड़ चढ़ने के शौकीन, 5 साल में 195 सबसे ऊंची चोटियां फतह करने का लक्ष्य

by Pooja Attri
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Sheikh hassan khan: केरल सरकार के कर्मचारी शेख हसन खान पर्वतारोही भी हैं. पांच सालों में वे दुनिया की 195 सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने के मिशन पर हैं. खान दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को चढ़कर लोगों तक जलवायु परिवर्तन का संदेश भेजना चाहते हैं.

02 May, 2024

Worlds highest volcanic peak: केरल के शेख हसन खान एक सरकारी कर्मचारी और एक पर्वतारोही भी हैं. उन्होंने हालही में दुनिया की सबसे ऊंची ज्वालामुखी पर्वत चोटी ‘ओजोस डेल सालाडो’ की सफलतापूर्क चढ़ाई की. ये चोटी 22,600 फुट से अधिक ऊंची है जिसको उन्होंने फतह किया. अब शेख हसन खान का मिशन दुनिया की 195 सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने का है. खान दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को चढ़कर लोगों तक जलवायु परिवर्तन का संदेश भेजना चाहते हैं.

प्रेरणा कहां से मिली

पहाड़ पर चढ़ने वाले शेख हसन खान के कहा मैं हमारे एपीजे अब्दुल कलाम की तरह हमेशा बड़े सपने देखता हूं. वो मेरे बॉस हैं इसलिए जैसा कि वो कहते हैं कि मेरे सपने बड़े हैं. अगर आप छोटा सपना देख रहे हैं तो ये अपराध है. वो यही कहते हैं और जून-जुलाई में मेरे भविष्य में भी ऐसा होने वाला है, इसलिए मैं दुनिया के 195 देशों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने की योजना बना रहा हूं. हमारे पास संयुक्त राष्ट्र के तहत 195 देश हैं इसलिए हर देश के लिए एक सबसे ऊंची चोटी है. मैं सभी देशों की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ना चाहता हूं और भारतीय ध्वज फहराना चाहता हूं. मैं ऐसा राष्ट्रीय ध्वज और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से करना चाहता हूं. यही मेरा प्लान है. पांच सालों के अंदर 195 देश, 195 सबसे ऊँची चोटियां.

चुनौतियां

शेख हसन खान का कहना है कि उनके सामने दोहरी चुनौती है. एक तो चोटियों पर चढ़ने की और दूसरी इसके लिए फंड इकट्ठा करने की. शेख हसन खान ने आगे कहा, पैसा जुटाना बहुत मुश्किल काम है और इन पर्वतीय अभियानों में बहुत पैसा खर्च होता है क्योंकि हम बहुत मुश्किल जगह पर जा रहे हैं इसलिए वहां संसाधनों की आवश्यकता होती है. जब मैंने 2 साल तक माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश की तो इसके लिए मुझे 30 लाख रुपये बैंक से लोन लेना पड़ा और 10 लाख रुपये की मदद दोस्तों से मिली. इस तरह मैंने माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए 40 लाख रुपये जुटाए.

चढ़ाई का अनुभव

शेख हसन खान बताते हैं कि एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान, फिसलन भरे रास्तों पर चलने के लिए उनके पास जो उपकरण था उसका एक पार्ट खो गया था फिर भी उन्होंने अपना मुकाम हासिल कर लिया था. शेख हसन खान ने आगे कहा, आप क्रैम्पन के बारे में जानते हैं? ये वो भाग है जिसे हम जूते से जोड़ते हैं और ये बर्फ से चिपक जाता है. मेरा क्रैम्पन टूट गया. इसलिए अगर आप बिना क्रैम्पन के बर्फ पर चल रहे हैं तो आप फिसलेंगे, इसलिए मैं बिना किसी क्रैम्पन के एवरेस्ट पर चढ़ गया.

है पहाड़ों से प्यार

शेख हसन खान का कहना है कि चुनौतियों से उनके जज्बे पर कोई असर नहीं पड़ा है. शेख हसन खान का आगे कहना है कि मुझे पहाड़ों से प्यार है, बिना किसी प्यार के हम पहाड़ों में 60-70 दिन तक नहीं रह सकते. कम भोजन और कम संसाधनों के साथ हम नहीं रह सकते. शेख हसन खान को पूरी उम्मीद है कि वे अपने मिशन में जरूर कामयाब होंगे.

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