Home National नौसेना प्रमुख बने वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, इस मेडल से किया जा चुका है सम्मानित

नौसेना प्रमुख बने वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, इस मेडल से किया जा चुका है सम्मानित

by Rashmi Rani
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Admiral Dinesh Tripathi

Admiral Dinesh Tripathi: एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार को देश के 26वें नौसेना अध्यक्ष का चार्ज संभाल लिया.

30 April, 2024

Admiral Dinesh Tripathi: एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार को देश के 26वें नौसेना अध्यक्ष का चार्ज संभाल लिया. हरि कुमार के सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने यह पद संभाला है. रीवा के सैनिक स्कूल के छात्र रहे एडमिरल त्रिपाठी इससे पहले नौसेना के उप-प्रमुख के पद पर थे. 40 साल के अपने करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पद संभाले हैं. यहीं नहीं वो पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर-इन-चीफ भी रह चुके हैं. आइए जानते हैं नए नौसेना प्रमुख के बारे में कुछ खास बातें.

सैनिक स्कूल रीवा के रह चुके हैं छात्र

दिनेश कुमार त्रिपाठी का जन्म 15 मई 1964 को हुआ था. वो सैनिक स्कूल रीवा के छात्र रह चुके हैं. 1 जुलाई 1985 को उन्होंने भारतीय नौसेना ज्वाईन किया था. एडमिरल त्रिपाठी का करीब 40 वर्ष का लंबा करियर रहा है.एडमिरल त्रिपाठी
आईएनएस विनाश की भी कमान संभाल चुके हैं. वहीं, रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग के पद पर भी रह चुके हैं. इतना ही नहीं भारतीय नौसेना अकादमी एझिमाला के कमांडेंट भी दिनेश कुमार त्रिपाठी रह चुके हैं.

नौसेना मेडल से भी सम्मानित

एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज में पढ़ाई की है. इसके साथ ही अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है. उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल और नौसेना मेडल से सम्मानित किया जा चुका है. खास बात तो यह है कि वो ऐसे समय में पद संभाल रहे हैं, जब भारतीय युद्धपोत हूती विद्रोहियों(Indian Warships Attack Houthi Rebels) की गतिविधियों बढ़ी हुई हैं. भारत ने अब तक 20 घटनाओं का जवाब दिया है.

पदभार को संभालने के बाद क्या कहा ?

अपने पदभार को संभालने से पहले दिनेश कुमार त्रिपाठी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की. पद संभालने के बाद उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों की अगर बात करें तो हमारी नौसेना युद्ध के लिए तैयार बल के रूप में विकसित हुई है. समुद्री क्षेत्र में मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए भारतीय नौसेना को हमेशा तैयार रहना पड़ता है ताकि अगर कोई शांति भंग करने की कोशिश करें तो उसे रोका जा सके और युद्ध की स्थिति में जीत दर्ज की जा सके. इस पद को संभालने के बाद यह मेरा मुख्य लक्ष्य होगा.

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