AMU Vice Chancellor Naima Khatoon: AMU के वाइस चांसलर के पद पर 103 साल बाद पहली महिला नईमा खातून को नियुक्त किया गया है. इस पद पर पहुंचने वाली वो दूसरी महिला हैं.
24 April, 2024
AMU Vice Chancellor Naima Khatoon: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे इतिहास को बदल दिया. AMU के वाइस चांसलर के पद पर 103 साल बाद पहली महिला नईमा खातून को नियुक्त किया गया है. इस पद पद पर पहुंचने वाली वो दूसरी महिला हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मंजूरी मिलने के बाद 22 अप्रैल को उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया. लोकसभा चुनाव के कारण देश में आदर्श आचार संहिता लागू है, जिसके कारण चुनाव आयोग से भी नईमा खातून की नियुक्ति के लिए मंजूरी मांगी गई थी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नईमा खातून कौन हैं और वो इस पद पर कैसे पहुंची, तो चलिए हम आपको बता हैं कि उनके बारे में कुछ खास बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे.
नईमा खातून 2006 में बनीं थीं प्रोफेसर
नईमा खातून अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमन्स कॉलेज में प्रिंसिपल रह चुकी हैं. बता दें कि AMU के वाइस चांसलर के पद पर नियुक्त होने से पहले वो प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थीं. नईमा खातून ने AMU से ही अपनी पढ़ाई पूरी की है. AMU से मनोविज्ञान में पीएचडी पूरी करने वाली नईमा खातून 2006 में प्रोफेसर बनीं थीं. 1988 में नईमा खातून इसी विभाग में लेक्चरर रह चुकी हैं. साल 2014 में नईमा खातून वीमन्स कॉलेज की प्रिंसिपल बन गई. वहीं, मध्य अफ्रीका के रवांडा के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में भी एक साल छात्रों को पढ़ाया है. नईमा खातून के पास राजनीतिक मनोविज्ञान में PhD की डिग्री है. इतना ही नहीं 2015 से सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग, एएमयू, अलीगढ़ के निदेशक के रूप में भी नईमा कार्यरत हैं.
नईमा खातून के नाम छह पुस्तकें
प्रोफेसर नईमा खातून शिक्षा जगत में बेहद मशहूर हैं. नईमा ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है और इसके साथ ही दुनिया भर के संस्थानों में व्याख्यान दिए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार नईमा खातून के नाम छह पुस्तकें हैं. कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके शोधपत्र भी प्रकाशित किए गए हैं.
महिला सशक्तीकरण के लिए अहम कदम
प्रोफेसर नईमा खातून का शैक्षणिक प्रशासन में काफी लंबा अनुभव रहा है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में ही वो कई पद पर रह चुकी हैं. वो AMU में UGC की स्पिरिचूअल सायकोलॉजी (spiritual psychology) प्रोग्राम की डेप्युटी कोऑर्डिनेटर भी रह चुकी हैं. इतना ही नहीं वो AMU की गांधी हॉल और अब्दुल्ला हॉल की प्रोवोस्ट के पद पर भी नियुक्त की जा चुकी हैं. छात्राओं ने उनके वाइस चांसलर नियुक्त किए जाने पर खुशी जाहिर की और इसे महिला सशक्तीकरण के लिए अहम कदम बताया है.
सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है AMU
1875 में स्थापित मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बन गया था. सितंबर 2020 में AMU ने यूनिवर्सिटी के तौर पर 100 साल पूरे किए थे. इसके साथ ही ये देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक बन गया. 1920 में बेगम सुल्तान जहां को AMU की चांसलर बनाया गया था. उनके अलावा किसी भी महिला को एएमयू के चांसलर की जिम्मेदारी अब तक नहीं मिली थी.
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