Home Politics Delhi University VC: आखिर क्यों भगवाकरण को बढ़ावा देगा DU, वाइस चांसलर योगेश सिंह ने बताई इसकी वजह

Delhi University VC: आखिर क्यों भगवाकरण को बढ़ावा देगा DU, वाइस चांसलर योगेश सिंह ने बताई इसकी वजह

by Live Times
0 comment
Delhi University VC: आखिर क्यों भगवाकरण को बढ़ावा देगा DU, वाइस चांसलर योगेश सिंह ने बताई इसकी वजह

Delhi University VC : दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के वाइस चांसलर (Vice Chancellor) योगेश सिंह ने कहा है कि विश्वविद्यालय अपने परिसर में ‘भारत विरोधी अभियान’ को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि अगर ‘भगवाकरण’ का मतलब देश की सेवा करना है तो डीयू इसके लिए भी तैयार है.

17 April, 2024

DU में अनुशासनहीनता की कोई जगह नहीं

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा है कि विश्वविद्यालय में असहमति और बहस का स्वागत है, लेकिन अनुशासनहीनता की कोई जगह नहीं है. वह दिल्ली विश्वविद्यालय के कथित भगवाकरण पर सवाल का जवाब दे रहे थे. ये सवाल विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों और छात्रों के एक वर्ग की तरफ से संस्थान से जुड़े कॉलेजों में RSS की तरफ से आयोजित कार्यक्रम का विरोध करने के संदर्भ में पूछा गया था. इतना ही नहीं आगे योगेश सिंह ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद अगर कोई महाविद्यालय हिंदू नव वर्ष या वर्ष प्रतिपदा का आयोजन कर रहा है, तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता. उन्होंने इसके पीछे तर्क देते हुए बताया कि महाविद्यालयों के समारोह आयोजित करने के अपने नियम और कानून हैं और अगर देश के लिए कुछ भी करना भगवाकरण है, तो हम इसके लिए तैयार हैं.

RSS के खिलाफ छात्र संगठनों का प्रदर्शन

पिछले हफ्ते वाम दल से जुड़े ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के किरोड़ीमल कॉलेज में RSS की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम के खिलाफ प्रदर्शन किया था. यहां काफी संख्या में छात्र कॉलेज के मेन गेट पर जमा हुए थे और हिंदू नव वर्ष मनाने का विरोध किया था, जिसमें कुलपति ने कहा, अगर देश के लिए कुछ भी करना भगवाकरण है तो हम इसके लिए तैयार हैं. बावजूद इसके हम किसी भी रूप में भारत विरोधी अभियान को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

‘युवाओं की बेरोजगारी चिंता का विषय’

मार्च में योगेश सिंह ने दलित शिक्षाविदों के साथ होने वाले भेदभाव के विरोध में डीयू की आर्ट फैकल्टी के बाहर ‘पकौड़ा’ स्टॉल लगाया था और शिक्षित युवाओं के बीच बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताई थी. कुलपति ने कहा कि डीयू में एडहॉक टीचर्स की नियुक्ति बंद करने का फैसला एक मुश्किल निर्णय था, लेकिन लंबे समय से काम कर रही नॉन-परमानेंट फैकल्टी के हित में ये आवश्यक था.’

यहां भी पढ़ें- एलन मस्क भारत को दे सकते हैं 25 हजार करोड़ का तोहफा, राम नवमी के बाद पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00