Pilibhit Farmers: पीलीभीत में किसानों का कहना है कि इस साल बारिश कम होने की वजह से गन्ने की फसल सूख गई है, जिससे उनकी आय पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है.
14 April, 2024
Pilibhit Farmers: उत्तर प्रदेश का पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाता है. हालांकि यहां के किसान धान और गेहूं की खेती भी करते हैं, लेकिन इस साल सूखा पड़ने की वजह से उनका कहना है कि इस बार खेती से ज्यादा मुनाफे की उम्मीद नहीं है. ऐसे में सभी किसान सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. किसानों का कहना है कि गन्ने की फसल सूख गई है, लागत तक निकलना मुश्किल है.
लागत तक नहीं निकल रही
किसानों का कहना है कि पेट भरने लायक आमदनी है. हमारी फसल सूख गई है, हालात यह है कि लागत तक नहीं निकल रही है. ऐसे में हम चाहते हैं कि सरकार हमारी मदद करें. सरकार की ओर से चल रही योजनाओं का लाभ तक हमें नहीं मिल पा रहा है. किसानों का कहना है कि इस साल बारिश कम होने की वजह से गन्ने की फसल सूख गई है, जिससे उनकी आय पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. गन्ने का रेट तो कुल मिलाकर इस बार सही है, लेकिन सूखने की वजह से गन्ना खराब हो गया. किसानों का कहना है कि सरकार कुछ मुआवजा नहीं देती है बस पीएम किसान योजना दे रही है. खेत में दवा गोली कुछ भी काम नहीं कर रही है. जितना पैदावार नहीं हो रहा है उतनी लगात लग जा रही है. बिजार बहुत है ये बिजार कुछ बचने नहीं दे रहे हैं
कुल वोटर का 50 फीसदी हैं किसान
पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीट हैं, जिनमें से चार पीलीभीत जिले में और एक बरेली जिले में है. जिले के कृषि विभाग के मुताबिक, पीलीभीत जिले की चारों विधानसभाओं में करीब 18 लाख मतदाता हैं. जिनमें से करीब 3.5 लाख किसान परिवार आते हैं. अगर इन्हें वोटर में देखें तो ये संख्या नौ लाख तक पहुंचती है जो कि कुल वोटर का 50 फीसदी है. ऐसे में इसका असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है.बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को पीलीभीत में मतदान होना है.
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