Kantaji mandir: भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित कांताजी मंदिर बांग्लादेश के दिनाजपुर में स्थित है. ये मंदिर उत्तर मध्यकालीन हिंदू मंदिरों में से एक है, जिसका निर्माण 1722 में हुआ था.
11 April, 2024
Kantaji Temple: बांग्लादेश का कांताजी मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में बहुत फेमस है. भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित ये मंदिर बांग्लादेश के दिनाजपुर में स्थित है. ये मंदिर उत्तर मध्यकालीन हिंदू मंदिरों में से एक है, जिसका निर्माण 1722 में हुआ था. धार्मिक मान्यतानुसार, जो साधन यहां अपनी मुराद लेकर जाता है उसकी वो मनोकामना जरूर पूरी होती है. चलिए जानते हैं बांग्लादेश के कांताजी मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें.
कब हुआ निर्माण
जब बांग्लादेश भारत का ही हिस्सा हुआ करता था, यह प्राचीन मंदिर उस समय की ही धरोहर है. कांताजी मंदिर राधा-माधव संप्रदाय के प्रमुख मंदिरों में से एक है. यहां 18वीं सदी की संस्कृति और शिल्पकारी देखने को मिलती है. इस मंदिर को बनवाने का काम 1704 में महाराजा प्राणनाथ द्वारा शुरु करवाया गया था जो 1722 में महाराजा रामनाथ के शासनकाल में बनकर तैयार हुआ था. ये मंदिर कांतानगर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
खूबसूरत शिल्पकारी
कांताजी मंदिर को देखने के लिए देश-विदेश से भक्तों और श्रृद्धानुओं की भीड़ उमड़ती है. हालांकि, 1897 में बांग्लादेश में आए भूकंप ने इस मंदिर को काफी नुकसान पहुंचाया था. हालांकि, इसके बाद भी इस मंदिर की शिल्पकारी और खूबसूरती को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इसके साथ ही इसके संरक्षण के लिए पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा लगातार कोशिश जारी है.
विशेषताएं
बांग्लादेश के कांताजी मंदिर के निर्माण में 48 साल लगे थे. इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा की मूर्ति स्थापित है. यहां पर श्रृद्धालुओं को भगवान कृष्ण और देवी राधा की दिव्यता का अहसास होता है. इस मंदिर में रामायण और महाभारत काल की अद्भुत कहानियों की झलक शिल्पकारी के माध्यम से देखने को मिलती है. वहीं इस मंदिर में समृद्ध राजसी जीवन की कलाकृतियों के चित्र भी मौजूद हैं.
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