राजनीतिक दलों के लिए चुनाव प्रचार के सामान वोटरों को लुभाने का लोकप्रिय साधन होते हैं. बेंगलुरु का रुषभ एंटरप्राइजेज चुनाव प्रचार के सामान बनाने और बेचने के लिए काफी मशहूर है. ये चुनाव प्रचार के सामान बनाने और सप्लाई करने वाली सबसे पुरानी कंपनियों में एक है. यह कंपनी 1954 में बनी थी.
06 April, 2024
Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 में हर पार्टी अपना दम-खम दिखा रही है. राजनीतिक दलों के लिए चुनाव प्रचार के सामान वोटरों को लुभाने का लोकप्रिय साधन होते हैं, जिसे लेकर हर तरफ चुनाव प्रचार के सामानों के कारोबार में भी लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. हर तरफ बाजारों मे प्रचार से जुड़ी चीजों की धूम है. उत्तरप्रदेश में चुनाव प्रचार के सामान की ज्यादा मांग देखने को मिली. इसके साथ ही बेंगलुरु का रुषभ एंटरप्राइजेज चुनाव प्रचार के सामान बनाने और बेचने के लिए काफी मशहूर है. ये चुनाव प्रचार के सामान बनाने और सप्लाई करने वाली सबसे पुरानी कंपनियों में एक है. चुनाव के दौरान यहां कई व्यापारी आते हैं. ये सबसे पुरानी दुकानों में एक है जो शुरू से इस काम में जुटी है.
पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय से किया काम
बेंगलुरु का रुषभ एंटरप्राइजेज चुनाव प्रचार के सामान बनाने और बेचने के लिए काफी मशहूर है. ये चुनाव प्रचार के सामान बनाने और सप्लाई करने वाली सबसे पुरानी कंपनियों में एक है. यह कंपनी 1954 में बनी थी. फिलहाल इसे मालिकों की तीसरी और चौथी पीढ़ी चला रही है. इसे 1960 में भारत के पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहर लाल नेहरू को पेपर बैज और कैप जैसे चुनाव सामान उपलब्ध कराने का गौरव हासिल है. यह दुकान कई राजनीतिक दलों की जरूरतें पूरी करती है.
दुकानों के व्यापारियों का बयान
चुनावी प्रचार के दौरान व्यापारियों ने बताया है कि उनके पास सबसे ज्यादा मांग झंडे, मफलर, फलर, टोपी, टी-शर्ट और बंटिंग झंडे जैसी काफी कुछ चीजों की मांग है. आगे बताया कि नामांकन से पहले ही बिक्री शुरू हो जाती है. इसके साथ ही व्यपारियों को कुछ थोक ऑर्डर पहले से ही मिल जाते हैं.
यहां भी पढ़ें- जबलपुर की 95 साल पुरानी ये मिठाई की दुकान बन चुकी है नेताओं की फेवरेट