Shiv mandir: भारत के कई मंदिर महादेव को समर्पित हैं. उन्हीं मंदिरों में से एक है गुजरात का नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजपूत शासक राजा चौकराना ने 500 साल पहले करवाया था.
5 April, 2024
Nilkantheshwar Mahadev Temple: हिंदू धर्म में देवाधिदेव महादेव को सर्वोपरि माना गया है. भारत के कई मंदिर महादेव को समर्पित हैं. उन्हीं मंदिरों में से एक है गुजरात का नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजपूत शासक राजा चौकराना ने 500 साल पहले करवाया था. इस मंदिर की एक खास बात ये हैं कि, ये मंदिर साल के 6 महीने पानी में डूबा रहता है. अपनी इसी विशेषता के चलते आज ये मंदिर भक्तों और श्रृद्धालुओं के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है. चलिए जानते हैं गुजरात के नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के बारे में विस्तार से.
कहां मौजूद है मंदिर
गुजरात के बड़ौदा से 124 किलोमीटर दूर जूनराज गांव में नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर मौजूद है. इस मंदिर के आस-पास पानी ही पानी है जिसके चलते मंदिर पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. इस मंदिर का इतिहास 500 साल पुराना है. इस मंदिर में भोलेनाथ की मूर्ति विराजमान है जिससे तीर्थयात्री यहां की ओर अट्रेक्ट होते हैं.
विशेषताएं
नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर की खास विशेषता ये हैं कि, ये मंदिर साल के 6 महीने पानी में डूबा रहता है. यहां जब बारिश पड़ती है तो बांध पानी से भर जाता है, जिसके चलते मंदिर पानी में पूरी तरह से डूब जाता है. फिर जैसे ही पानी का स्तर कम होता है तो मंदिर बाहर आ जाता है. मान्यतानुसार, जब मंदिर पानी में डूब जाता है तो, भगवान शंकर यहां निवास करते हैं. फिर जैसे ही पानी कम होने लगता है मंदिर बाहर दिखने लगता है. इस मंदिर की इसी खासियत के चलते भक्तजन और श्रृद्धालुजन यहां पूजा और दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं.
किस ने कराया निर्माण
मान्यतानुसार, मंदिर के गर्भगृह में मौजूद शिवलिंग का निर्माण राजपूत शासक राजा चौकराना द्वारा 500 साल पहले करवाया गया था. इस मंदिर के अंदर और प्रवेश द्वार पर खूबसूरत नक्काशी की हुई है.
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