Lord Ganesha: भारत के तमिलनाडु राज्य में एक ऐसा मंदिर मौजूद है, जहां भगवान गणेश के गजमुख यानी सूँड़ वाले स्वरूप का नहीं बल्कि मानवमुख स्वरूप का पूजन किया जाता है. इस मंदिर का संबध भगवान श्री राम से है.
4 April, 2024
Tamil Nadu Temple: भारत में कई ऐसे चमत्कारिक मंदिर हैं जो अपनी अद्भुत और अद्वितीय पहचान के लिए फेमस हैं. ऐसा ही एक मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य में मौजूद है, जहां भगवान गणेश के गजमुख यानी सूँड़ वाले स्वरूप का नहीं बल्कि मानवमुख स्वरूप का पूजन किया जाता है. इस मंदिर का संबध भगवान श्री राम से है. मान्यतानुसार, यहां पूजन करने और दर्शन करने से पितरों को मुक्ति और मोक्ष प्राप्त होता है. ये मंदिर तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले के कुटनूर से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां दुनिया का एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान गणेश मानवमुख स्वरूप में विराजमान हैं अर्थात इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा का सिर हाथी का नहीं बल्कि मनुष्य का है.
ये हैं इतिहास
पौराणिक मान्यतानुसार, जब अपने पिता की मृत्यु के बाद भगवान श्री राम पिंडदान कर रहे थे, तब रामजी चावल द्वारा बनाए गए चावल के पिंड तुरंत कीड़ों में बदल रहे थे. ऐसे में रामजी जितनी बार पिंड बनाएं वो कीड़ों में बदल जाएं. इससे परेशान होकर आखिर में रामजी ने भोलेनाथ से प्रार्थना की, तब भगवान शिव ने राजा राम को विनायक मंदिर जाकर गणेश जी का विधि-विधान से पूजन करने को कहा. इसके पश्चात भगवान राम ने आदि विनायक मंदिर में पिता दशरथ के लिए पूजा की. यहां रामजी के द्वारा बनाए गए 4 चावल के पिंड दान बाद में शिवलिंग में बदल गए. ये चारों शिवलिंग आदि विनायक मंदिर के पास स्थित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में मौजूद हैं.
मान्यता
तब से लोग यहां देश के कोने-कोने से अपने पूर्वजों की शांति के लिए पूजन करने आते हैं. तिलतर्पणपुरी दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें पहला तिलतर्पण का अर्थ पूर्वजों का तर्पण है और दूसरा पुरी का अर्थ नगरी है. इस प्रकार तमिलनाडु के कुथनूर के पास तिलतर्पणपुरी स्थान पूर्वजों की मुक्ति और मोक्ष का नगर कहलाता है. यहां पितरों की शांति के लिए धार्मिक अनुष्ठान मंदिर के अंदर किए जाते हैं लेकिन पिंडदान नदी के किनारे किए जाते हैं.यहां पर भगवान गणेश के साथ-साथ मां सरस्वती का मंदिर भी मौजूद है. देवी के मंदिर की स्थापना प्राचीन कवि ओट्टकुठार ने की थी. यहां आए श्रद्धालु भगवान गणेश के साथ-साथ माता सरस्वती का भी दर्शन करते हैं.
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