Home History 90 साल का हुआ RBI, जानिए इसके बनने की दिलचस्प कहानी

90 साल का हुआ RBI, जानिए इसके बनने की दिलचस्प कहानी

by Rashmi Rani
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Interesting Facts of RBI

Interesting Facts of RBI: भारतीय रिजर्व बैंक कभी म्यांमार देश की लिए भी करंसी जारी करता था. इतना ही नहीं पाकिस्तान के लिए केंद्रीय बैंक की भूमिका भी RBI निभा चुका है.

01 April, 2024

Interesting Facts of RBI: भारतीय रिजर्व बैंक को आज 90 वर्ष हो गए हैं. 01 अप्रैल को रिजर्व बैंक की स्थापना की गई थी. बात करें अगर RBI के इतिहास की तो ये बेहद ही दिलचस्प रहा है. आपको जानकर बेहद ही हैरानी होगी की RBI कभी म्यांमार देश की लिए भी करंसी जारी करता था. इतना ही नहीं पाकिस्तान के लिए केंद्रीय बैंक की भूमिका भी RBI निभा चुका है. जब हमारा देश आजाद हुआ था तो उसके बाद भी RBI पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के तौर पर काम कर रहा था और पाकिस्तान के लिए करंसी भी जारी करता था.

सरकार के लिए एक एजेंट की तरह करता है काम

1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना की गई थी. वहीं, 1 जनवरी 1949 RBI का राष्ट्रीयकरण किया गया था. बता दें कि RBI केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, वाणिज्यिक बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों के लिए एक बैंकर की तरह काम करता है. भारतीय रिजर्व बैंक देश में रुपये के विनिमय मूल्य की स्थिरता ( exchange value stability) को बनाए रखने बेहद ही अहम भूमिका निभाता है. इतना ही नहीं RBI आईएमएफ(International Monetary Fund) में भारत की सदस्यता के संबंध में सरकार के लिए एक एजेंट की तरह काम करता है.

ऋण कार्यक्रमों को भी देखता है RBI

भारतीय रिजर्व बैंक देश के विकास और प्रचारात्मक के लिए भी काम करता है. वहीं, भारत सरकार के ऋण कार्यक्रमों को भी RBI ही देखता है. आपको बता दें कि देश में एक रुपये के सिक्कों से लेकर नोटों के अलावा अन्य जितनी भी मुद्रा है सबको जारी करने का अधिकार केवल RBI के पास ही है. देश में जो भी रुपये, नोटों, सिक्कों के साथ-साथ सरकार द्वारा जारी किए गए छोटे सिक्कों का वितरण भी रिजर्व बैंक करता है.

कामकाज केंद्रीय निदेशक बोर्ड करता है तय

रिज़र्व बैंक का कामकाज केंद्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है. भारतीय रिजर्व अधिनियम के अनुसार इस बोर्ड की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है. यह नियुक्ति चार वर्षों के लिए होती है. बता दें कि इसमें सरकारी निदेशक में एक पूर्णकालिक गवर्नर और अधिकतम चार उप गवर्नर होते हैं. वहीं, अ-सरकारी निदेशक में विभिन्न क्षेत्रों से दस निदेशक और एक सरकारी अधिकारी होते हैं और अन्य चार निदेशक चार स्थानीय बोर्डों से प्रत्येक में एक होते हैं.

केंद्रीय निदेशक का क्या है काम

केंद्रीय निदेशक देश के स्थानीय मामलों पर सलाह देता है. स्थानीय, सहकारी तथा घरेलू बैंकों की क्षेत्रीय व आर्थिक आवश्यकताओं को रिप्रेजेंट करता है. केंद्रीय बोर्ड जो भी आदेश समय समय पर देता है उसको अमल में लाना का काम करते हैं.

ओसबर्न स्मिथ थे पहले गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना तब हुई थी, जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था. रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर ओसबर्न स्मिथ थे. उस वक्त देश में ब्रिटिश शासन था. एक समय ऐसा भी था जब RBI म्यांमार के सेंट्रल बैंक के तौर पर काम करता था. 1947 तक RBI म्यांमार के सेंट्रल बैंक के रूप में काम करता रहा, लेकिन फिर 1947 के बाद रिजर्व बैंक ने बर्मा सरकार के बैंकर के रूप में काम करना बंद कर दिया.

1927 पहली बार पेश किया गया था विधेयक

भारतीय रिजर्व बैंक को देश में बनाने का सुझाव रॉयल कमीशन ने दिया था, जो कि इंडियन करंसी एंड फाइनेंस से जुड़ा था. रॉयल कमीशन का कहना था कि देश में करंसी और क्रेडिट को कंट्रोल करने के लिए अलग संस्था हो, जो सबसे ज्यादा पावरफुल हो और इसका सरकार से कोई लेना देना न हो. ये संस्था सरकार से दूर रहे. साल 1927 पहली बार लेजिस्लेटिव असेंबली में इस विधेयक पेश किया गया, लेकिन कई वर्ग ऐसे थे जो इससे सहत नहीं थे. जिसके बाद इस विधेयक को वापस ले लिया गया था. फिर साल 1933 में भारतीय संवैधानिक सुधारों के लिए एक पत्र लाया गया जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक की नींव रखने का सुझाव दिया गया था और ये विधेयक पारित हो गया. 1 अप्रैल 1935 से भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में केंद्रीय बैंक के रूप में काम करना शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मुंबई दौरे पर, RBI के 90 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में हुए शामिल

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