Bharat Ratna : राष्ट्रपति भवन में शनिवार (30 मार्च) को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव समेत 4 लोगों को मरणोपरांत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत रत्न से सम्मानित किया.
30 March, 2024
Bharat Ratna : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्री (मरणोपरांत) चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक (मरणोपरांत) डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया. भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को रविवार को भारत रत्न सम्मान दिया जाएगा. आइए जानते हैं कि पांचों हस्तियों के बारे में.
किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर, 1902 बाबूगढ़ छावनी के निकट नूरपुर गांव, कमिश्नरी मेरठ में काली मिट्टी के अनगढ़ और फूस के छप्पर वाली मढ़ैया में एक जाट परिवार में हुआ. उनके पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में सौंपा था. वह किसान नेता होने के साथ देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे. उन्होंने प्रधानमंत्री का कार्यकाल 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला.
पीवी नरसिम्हा राव
21 जून, 1921 को जन्में पामुलापति वेंकट नरसिंह राव (PV Narasimha Rao) ने नागपुर विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी. वह भारत के 9वें प्रधानमंत्री थे और उनको ‘लाइसेंस राज’ की समाप्ति और भारतीय अर्थनीति में खुलेपन के लिए जाना जाता है.
पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर
कर्पूरी ठाकुर देश के स्वतंत्रता सेनानी के साथ राजनीतिज्ञ और शिक्षक भी रहे थे. इसके साथ ही बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री भी रहे थे. उनका जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गांव में हुआ था.
लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को पाकिस्तान के कराची में हुआ. वह भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री रहे थे. उनको भाजपा को खड़ा करने और राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का श्रेय दिया जाता है. हाल ही में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने का एलान किया है.
डॉ. एमएस स्वामीनाथन
मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन का जन्म (7 अगस्त 1925 – 28 सितंबर 2023) मद्रास प्रेसीडेंसी के कुंभकोणम में हुआ था. वह एक कृषि वैज्ञानिक, प्रशासक और मानवतावादी थे. स्वामीनाथन हरित क्रांति के वैश्विक नेता थे. उनको गेहूं, चावल की अधिक उपज वाली योजनाओं विकसित करने के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का मुख्य वास्तुकार भी कहा जाता है.