Home Religious देश के इस मंदिर में पवित्र झरने से होता है शिवलिंग का अभिषेक

देश के इस मंदिर में पवित्र झरने से होता है शिवलिंग का अभिषेक

by Pooja Attri
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देश के इस मंदिर में पवित्र झरने से होता है शिवलिंग का अभिषेक

हिमाचल प्रदेश में स्थित मां अंजनी मंदिर को अमरनाथ जी भी कहा जाता है. माना जाता है कि इस स्थान की खोज कई सालों पर पहले गुरु बाबा प्रकाश पुरी जी महाराज ने की थी.

Anjani Mahadev Temple: हिमाचल प्रदेश में बसा मनाली शहर एक बहुत खूबसूरत डेस्टीनेशन में से एक है. यहां की नेचुरल ब्यूटी का लुत्फ उठाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. ऐसे में आज हम आपको मनाली के पास मौजूद एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जो श्रद्धुओं के बीच बहुत फेमस है. यहां झरने द्वारा शिवलिंग का जलाभिषेक करने का नजारा देखने में बहुत अद्भुत लगता है.

पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस मंदिर का इतिहास माता अंजनी से जुड़ा है. मान्यता के अनुसार, त्रेता युग में इसी स्थान पर मां अंजनी ने पुत्र प्राप्ति के लिए तप किया था. फिर मां अंजनी की तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने दर्शन दिए. तभी से यहां एक बर्फ का शिवलिंग बना हुआ है. मान्यतानुसार, जो व्यक्ति इस शिवलिंग का दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

मान्यता

हिमाचल प्रदेश में स्थित इस मंदिर को अमरनाथ जी भी कहा जाता है. माना जाता है कि इस स्थान की खोज कई सालों पर पहले गुरु बाबा प्रकाश पुरी जी महाराज ने की थी. यहां एक कुटिया मंदिर के पास ही बनी हुई है जो संत बाबा जी की है. विंटर सीजन आते ही यहां मौजूद झरना बर्फ से जमने लगता है, जिससे शिवलिंग के आस-पास भी बर्फ की लेयर जमने लगती है. इस दौरान शिवलिंग करीब 40 फीट तक ऊंची हो जाती है. ऐसे में बर्फ से बने इस नेचुरल शिवलिंग के दर्शन करने के लिए भी भक्त खूब आते हैं. मान्यतानुसार, अंजनी महादेव के दर्शन करने के लिए लोग नंगे पैर चलकर जाते हैं. ऐसा करने से भक्तजनों को बर्फ से बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचता है.

कैसे पहुंचें

ये मंदिर मनाली से करीब 14 Km दूर सोलंगनाला के पास मौजूद है. इस मंदिर की ऊंचाई करीब साढ़े 11 हजार फीट है. यहां की मुख्य सड़क से मंदिर पहुंचने के लिए आपको करीब 2 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. अगर आप चाहें तो मंदिर पहुंचने के लिए घोड़े और एटीवी बाइक किराए पर ले सकते हैं या पैदल भी जा सकते हैं. फिर बर्फ से ढकी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए 150 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.

यह भी पढ़ें: यह है भारत का एकमात्र मंदिर, जहां लेटे हुए विराजमान हैं हनुमान जी

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